भारत सरकार ने निकाल दी मलयेशिया की हेकड़ी, झुका भारत के कदमों पर

By Team MyNationFirst Published Jan 17, 2020, 8:45 AM IST
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मलयेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद लगातार पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। महातिर मोहम्मद ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान का साथ दिया। जबकि भारत पहले ही कह चुका है कि कश्मीर भारत का अंदुरूनी मामला है। लेकिन महातिर लगातार भारत के खिलाफ बयान देते रहे हैं।

नई दिल्ली। भारत  के खिलाफ लगातार बयान दे रहे मलयेशिया की हेकड़ी भारत सरकार के एक ही फैसले ने निकाल दी। कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने और नागरिकता कानून को लेकर दिए गए बयान के बाद अब मलयेशिया की को अपने पाम ऑइल आयात क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है। जिसके बाद अब वहां के लिए मंत्री ने कहा कि वह भारत से बातचीत कर रहा है। ताकि दोनों देशों के बीच गलतफहमी कम हो सके।

मलयेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद लगातार पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। महातिर मोहम्मद ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान का साथ दिया। जबकि भारत पहले ही कह चुका है कि कश्मीर भारत का अंदुरूनी मामला है। लेकिन महातिर लगातार भारत के खिलाफ बयान देते रहे हैं। जिसके बाद भारत सरकार ने वहां से पाम ऑयल का आयात कम करने का फैसला किया है। भारत पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है।

वहीं पाम ऑयल ही मलयेशिया का सबसे बड़ा उद्योग है। अब भारत द्वारा मलयेशियाई पॉम ऑइल के आयात पर पाबंदी का असर वहां की अर्थव्यवस्था पर दिखना शुरू हो गया है। वहां पर पाम ऑयल के कीमत लगातार गिर रही है। वहीं भारत ने मलयेशिया के अलावा अन्य देशों से पाम ऑयल खरीदना शुरू कर दिया है। जिसके कारण वहां के कारोबारियों को सीधे तौर पर नुकसान हो रहा है। अब मलयेशिया के मंत्री ने कहा कि वह भारत सरकार और व्यापार अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। पिछले दिनों ही नागरिकता कानून पर महातिर मोहम्मद ने भारत के खिलाफ बयान दिया था।

जिसके बाद भारत सरकार ने वहां आयात किए जाने वाले माइक्रोप्रोसेसर चिप का आयात कम करने का फैसला किया था। जिसके कारण मलयेशिया को अरबों डॉलर का नुकसान होगा। गौरतलब है कि भारत ने पिछले सप्ताह मलयेशिया से रिफाइंड पॉम ऑइल के आयात पर पाबंदी लगा दी थी। हालांकि भारत सरकार ने अनौपचारिक तौर पर कारोबारियों से मलयेशिया से पॉम ऑइल नहीं खरीदने को कहा था। वहीं कारोबारियों ने भी मलयेशिया को झटका देने के लिए ऑयल का आयात नहीं करने का फैसला किया था। 
 

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