ISRO की एक और कामयाबी: अब अंतरिक्ष में भारत का एमीसैट, अमेरिका के 24 सैटेलाइट भी पहुंचाए

By Team MyNation  |  First Published Apr 1, 2019, 12:53 PM IST

इसरो का यह पहला ऐसा मिशन था जिसे तीन अलग-अलग कक्षाओं में सैटेलाइटों को स्थापित करने के लिए अंजाम दिया गया। पीएसएलवी सी-45 रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में पहुंचाए गए सैटेलाइट।

इसरो ने कामयाबी का नया अध्याय लिखते हुए इलेक्ट्रॉनिक इंटेलीजेंस उपग्रह, एमीसैट का सफल प्रक्षेपण किया है। एमीसैट का प्रक्षेपण रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए किया गया है। यह दुश्मनों पर नजर रखने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान  (ISRO) ने पीएसएलवी C-45 रॉकेट की मदद से एमीसैट को अंतरिक्ष में भेजा। 

एमीसैट के अलावा इसरो ने अपने रॉकेट के जरिये दूसरे देशों के भी 28 सैटेलाइटों को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया। इसरो ने सोमवार सुबह ठीक 9:27 बजे पीएलएलवी का प्रक्षेपण किया। जिन 28 विदेशी सैटेलाइटों को अंतरिक्ष में भेजा गया है उनमें अमेरिका के सबसे ज्यादा 24, लिथुआनिया का 1, स्पेन का 1 और स्विट्जरलैंड का 1 सैटेलाइट शामिल है।  इसरो का यह पहला ऐसा मिशन था जिसे तीन अलग-अलग कक्षाओं में सैटेलाइटों को स्थापित करने के लिए अंजाम दिया गया।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमीसैट उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर इसरो के वैज्ञानिकों की प्रशंसा की। उन्होंने इसे ऐतिहासिक कदम बताया। 

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The photo and tech teams at SDSC, SHAR in Sriharikota captured these two images from today's launch. pic.twitter.com/vUZLHbKGcR

— ISRO (@isro)

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Separation of 28 International Customer Satellites & addressing by Chairman & other dignitaries - LIVE from , on & Live-Stream on https://t.co/lv9oiwpiwl

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— Doordarshan National (@DDNational)

यह इसरो का 47वां पीएसएलवी प्रोग्राम है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट के लांच का पहला प्रोग्राम है। पहले रॉकेट ने 749 किलोमीटर की कक्षा में एमीसैट (EMISAT) को स्थापित किया। इसके बाद 504 किलोमीटर ऑर्बिट पर 28 अन्य सैटेलाइटों को लांच किया गया। इस मिशन को पहले 12 मार्च को ही लांच किए जाने की योजना थी, लेकिन खराब मौसम के चलते इसे पहली अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया था। 

इस सैटेलाइट मिशन पर इसरो और डीआरडीओ ने संयुक्त तौर पर काम किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का यह पहला ऐसा मिशन है, जिसे आम लोगों की मौजूदगी में लांच किया गया। इसके लिए इसरो ने एक गैलेरी तैयार की, जिसमें 1,200 लोग बैठे थे। इस गैलरी से दो लांच पैड दिखाई दे रहे थे। 

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