भारत में सड़कों पर जाम लगना आम आदमी के लिए हमेशा परेशानी पैदा करता है। किसी को दफ्तर में देर हो जाती है, तो कोई मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाता, तो कभी किसी छात्र की परीक्षा छूट जाती है। लेकिन अब जापान की मदद से इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है।
भारत में गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसका असर दिखता है सड़कों पर। जहां अक्सर कई किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है। जिसकी वजह से कीमती समय तो खराब होता ही है। बड़ी मात्रा में ईंधन की बर्बादी और प्रदूषण भी होता है। इससे लोगों का स्वास्थ्य और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है।
लेकिन अब भारत को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए जापान मदद करेगा। जापान की इंटेलीजेंट ट्रांसर्पोटेशन सिस्टम यानी आईटीएस तकनीक भारत की सड़कों पर वाहनों की भीड़ कम करने में मदद करेगी।
इसक तकनीक का पहला प्रयोग बेंगलुरु में होगा। एक समझौते के तहत मार्च 2019 तक यह सिस्टम लगाने का काम शुरु हो जाएगा। जो कि अगले डेढ़ साल तक चलेगा। उम्मीद की जा रही है इससे बेंगलुरु नें जाम लगने की समस्या में तीस फीसदी तक कमी आएगी।
आइटीएस सिस्टम के तहत 12 मुख्य स्थानों पर 72 सेंसर लगाए जाएंगे। जो कि सार्वजनिक परिवहन की बसों पर लगे जीपीएस से जुड़े हुए होंगे। यह डिटेक्टर अल्ट्रासॉनिक तरंगों के जरिए हर एक मिनट में ट्रैफिक की स्थिति सीधे ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर तक भेजेंगे जो हॉट स्पॉट के जरिए ट्रैफिक को अन्य मार्गों पर मोड़कर जाम हटाएगा।
1.13 करोड़ डॉलर की इस परियोजना में जापान की अंतरराष्ट्रीय कॉरपोरेशन एजेंसी (जेआइसीए) निवेश करेगी। ये सरकारी संस्था विकासशील देशों को आर्थिक मदद देती है।
जापान में आइटीएस तकनीक 1990 से इस्तेमाल की जा रही है। श्रीलंका, कम्बोडिया, चीन रुस, युगांडा जैसे कई देशों में इस तकनीक का सफल प्रयोग हो चुका है।