जाने क्यों गडकरी ने सियासत को बताया क्रिकेट

Published : Nov 15, 2019, 08:45 AM IST
जाने क्यों गडकरी ने सियासत को बताया क्रिकेट

सार

हालांकि संघ ने पिछले दिनों राज्य में सरकार बनाने का जिम्मा गडकरी को सौंपा था। लेकिन वह भी राज्य में शिवसेना की सीएम के पद के अड़े होने के बाद विफल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने राज्य में सरकार बनाने की कोशिशों को बंद कर दिया था। शिवसेना की पहली शर्त यही थी कि राज्य में 50-50 का फार्मूला लागू किया जाए। हालांकि जिस फार्मूले को लेकर शिवसेना ने भाजपा पर दबाव बनाकर रखा थी। 

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में चल रही राजनैतिक उठापटक के बीच केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है। गडकरी ने कहा कि राजनीति और क्रिकेट में सबकुछ संभव है। जहां कब खेल बदल जाए नहीं कहा जा सकता है। फिलहाल गडकरी का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि राज्य में भाजपा सरकार बना पाई है जबकि शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी से अभी बातचीत ही कर रही है।

हालांकि संघ ने पिछले दिनों राज्य में सरकार बनाने का जिम्मा गडकरी को सौंपा था। लेकिन वह भी राज्य में शिवसेना की सीएम के पद के अड़े होने के बाद विफल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने राज्य में सरकार बनाने की कोशिशों को बंद कर दिया था। शिवसेना की पहली शर्त यही थी कि राज्य में 50-50 का फार्मूला लागू किया जाए। जिस फार्मूले को लेकर शिवसेना ने भाजपा पर दबाव बनाकर रखा थी। उसी का फार्मूला अब राज्य में लागू किया जाए रहा है। जिसके तहत एनसीपी और शिवसेना के सीएम ढाई ढाई साल के लिए राज्य में सीएम रहेंगे। हालांकि अभी तक राज्य में शिवसेना और एनसीपी के बीच सरकार को लेकर पूरी तरह से सहमति नहीं बनी है। वहीं गडकरी ने ये बयान देकर राज्य की राजनीति का तापमान बढ़ा दिया है।

केन्द्री मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके गडकरी ने कहा कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी संभव है। कभी कभी लगता है कि आप हार रहे हैं लेकिन मैच पलट जाता है और आप जीत जाते हैं। वैसा ही किसी को लगता है कि वह जीत रहा तो वह हार जाता है। लिहाजा राजनीति और क्रिकेट में कब क्या हो जाए। इसका अनुमान लगाना मुश्किल होता है। उन्होंने मजाक में कहा कि मैं अभी दिल्ली से आया हूं लिहाजा राज्य की राजनीति के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने मिलकर लड़े थे। लेकिन अब शिवसेना भाजपा से गठबंधन को तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने की कोशिश  में है। वहीं भाजपा को उम्मीद है कि वह आने वाले समय में सरकार बनाएगी। 

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