पश्चिम बंगाल के माजेरहाट पुल हादसा होने के बाद कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। जिससे पता चल रहा है कि इस बड़े हादसे की वजह सिर्फ और सिर्फ लापरवाही है। हाल ही में यह खुलासा हुआ है, कि इस पुल के बारे में पहले ही चेतावनी दी जा चुकी थी। अगर इसपर अमल किया जाता को यह पुल भी नहीं टूटता और एक आदमी की मौत भी नहीं होती।
माजेरहाट में हादसा होने से पहले ही रेलवे ने कोलकाता मेट्रोपोलिटन डेवलपमेन्ट अथॉरिटी यानी केएमडीए को एक पत्र लिखा था। जिसमें पुल की कमजोर बीम, बाहर झांकती सरिया और नींव में पड़ी दरारो को लेकर चिंता जाहिर की गई थी और संबंधित विभाग को आगाह किया गया था। लेकिन इस पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
मंगलवार को 50 साल पुराने माजेरहाट पुल का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया। जिसमें एक आदमी की मौत हो गई, जबकि कई लोग मलबे में दबकर बुरी तरह जख्मी हो गए। यह पुल सियालदह-बज रेलवे लाइन पर माजेरहाट रेलवे स्टेशन के ऊपर से गुजरता था।
रेलवे ने केएमडीए को 27 जुलाई पत्र भेजा था। यह पत्र पूर्व रेलवे जोन के उप मुख्य अभियंता ने लिखा था, जिसमें उन्होंने पुल की कई खामियों के बारे में बताते हुए उसके निरीक्षण की जरूरत बताई थी। इस पत्र की एक प्रति रेलवे के वरिष्ठ उप अभियंता, सियालदह को भी भेजी गयी थी।
केएमडीए कोलकाता मेट्रोपॉलिटन की योजना और विकास के लिए समर्पित वैधानिक प्राधिकरण है, जिसके अध्यक्ष पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फरहाद हकीम हैं।
इस पत्र में साफ तौर पर यह लिखा गया था कि पुल का वजन संभालने वाली आरसीसी बीम की हालत बहुत खराब हो चुकी है। इसलिए इसे चरणबद्ध तरीके से बदल दिया जाना चाहिए। लेकिन केडीएमए ने इस चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया, जिसकी वजह से यह गंभीर हादसा हुआ।