पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगा एक और बड़ा झटका

By Anshuman Anand  |  First Published Feb 19, 2019, 7:12 PM IST

पुलवामा में हुए हमले के बाद से पाकिस्तान के दुर्दिन शुरु हो गए हैं। आज उसे द हेग में स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी झटका लगा है। यहां पर पाकिस्तान की जेल में अवैध रुप से कैद भारतीय कुलभूषण जाधव का मामला चल रहा है। 

मंगलवार को इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पाकिस्तान की कुलभूषण जाधव केस को स्थगित करने की मांग खारिज कर दी। ICJ में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की रिहाई के मामले में आज पाकिस्तान ने अपना पक्ष रखा।

भारत ने अपना पक्ष कल यानी सोमवार को रखा था। आज पाकिस्तान की ओर से स्वास्थ्य आधार पर सुनवाई स्थगित करने की अपील की गई थी। लेकिन आईसीजे ने इसे खारिज कर दिया। 

Pakistan snubbed by ICJ on Day 2 of Jadhav hearing

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— ANI Digital (@ani_digital)

क्योंकि भारत की ओर से दलील दी गई थी कि एक निर्दोष भारतीय को अपनी जिंदगी के अहम साल जेल में बिताने पड़ रहे हैं। 

जिसके बाद पाकिस्तान की तरफ से अड-हॉक जज को लेकर आपत्ति दर्ज की गई। जिस पर आईसीजे ने कहा कि इसे दर्ज कर लिया गया है और निकट भविष्य में इस पर जवाब दिया जाएगा।

उधर आज अपना पक्ष रखते हुए पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने अपनी दलीलों की शुरुआत बेबुनियाद आरोपों से की और भारत पर आतंक फैलाने का आरोप लगाया। 

पाकिस्तानी अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने खुद को भारत के जुल्मों का शिकार करार दिया। उन्होंने भारत पर पाकिस्तान में हमले करवाने का आरोप लगाया। 

कैदी कुलभूषण जाधव पर भी पाकिस्तान का आरोप है कि वह बहुत से स्थानीय लोगों के संपर्क में था और उसने कई को राज्य विरोधी ताकतों को सुइसाइड बॉम्बर बनने के लिए तैयार किया था ताकि पाकिस्तान में आतंक फैलाया जा सके। 

पाकिस्तान का आरोप है कि जाधव ने चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर को भी प्रभावित करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने इसके पीछे भारत का हाथ होने का इशारा किया। 

लेकिन सच यह है कि कुलभूषण जाधव अपने व्यापारिक काम से ईरान गए हुए थे। जहां से पाकिस्तानी खुपिया एजेन्सी ने उन्हें अगवा कर लिया। 

माना जा रहा है कि इस मामले में आईसीजे का फैसला इस साल गर्मियों तक आ सकता है। 

भारत की ओर से कुलभूषण जाधव की पैरवी कर रहे अटॉर्नी हरीश साल्वे ने बताया कि पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया और 13 बार गुजारिश करने के बावजूद कुलभूषण जाधव को वकील नहीं दिया। 

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