जम्मू और कश्मीर में आठ चरणों में होंगे पंचायत उपचुनाव

Published : Feb 13, 2020, 08:38 PM IST
जम्मू और कश्मीर में आठ चरणों में होंगे पंचायत उपचुनाव

सार

राज्य में 5 मार्च से आठ चरणों में रिक्त सीटों के लिए पंचायत उपचुनाव होंगे। इसकी घोषणा राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने की। पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद ये राज्य में पहला बड़ा चुनाव होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के 274 ब्लॉकों में 1,011 सरपंचों और 11,639 पंचों के चुनाव के लिए उपचुनाव होंगे। 

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में राज्य की खाली पंचायत निकायों के लिए तिथियों का ऐलान कर दिया है। राज्य में खाली चल रहे पंचायतों में उपचुनाव पांच मार्च से शुरू होंगे। राज्यके मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने कहा कि रिक्त पदों के लिए पंचायत चुनाव आठ चरणों में आयोजित किए जाएंगे।

राज्य में 5 मार्च से आठ चरणों में रिक्त सीटों के लिए पंचायत उपचुनाव होंगे। इसकी घोषणा राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने की। पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद ये राज्य में पहला बड़ा चुनाव होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के 274 ब्लॉकों में 1,011 सरपंचों और 11,639 पंचों के चुनाव के लिए उपचुनाव होंगे। इसके लिए राज्य में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। राज्य में चुनाव आठ चरणों में मतदान होंगे।

राज्य में मतदान का पहला चरण 5 मार्च को होगा, इसके बाद दूसरा चरण 7 मार्च को, तीसरा 9 मार्च को, चौथा 12 मार्च को पांचवा, 16 मार्च को छठा, 18 मार्च को सातवां और 20 मार्च को आठवां होगा। राज्य के निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों को इन चुनाव में चुना जाएगा उनका कार्यकाल पांच साल का नहीं होगा  बल्कि इसे आम चुनाव नवंबर-दिसंबर 2018 से ही जोड़ा जाएगा और राज्य में सभी सदस्यों एक साथ पदमुक्त होंगे। गौरतबल है कि राज्य में पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था। हालांकि उससे पहले राज्य में हुए पंचायत चुनाव से पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने चुनाव से बहिष्कार किया था। जबकि भाजपा और उसके समर्थित उम्मीदवारों ने इसमें हिस्सा लिया था।

हालांकि राज्य में अभी भी आतंकी घटनाएं देखने को मिल रही है। पिछले कई दिनों से सुरक्षा बलों ने राज्य में आतंकियों का सफाई अभियान चलाया हुई है। राज्य में हुए पंचायत चुनाव में कई सीटों पर मतदान इसलिए नहीं हुए, क्योंकि आतंकियों ने प्रत्याशियों को धमकी दी थी। जिसके खौफ से इन सीटों पर मतदान नहीं हो सका है। लेकिन पिछले चुनाव की तुलना की तुलना में राज्य में वर्तमान में शांति देखी जा रही है।

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