यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी दलों का होगा टेस्ट, योगी सरकार ने दिए संकेत

By Team MyNationFirst Published Aug 26, 2020, 8:07 AM IST
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राज्य में ये चुनाव अगले साल के पहले तीन महीने में होते हैं तो ये राज्य सरकार और विपक्षी दलों के लिए एक टेस्ट होंगे। क्योंकि 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और जो इन  चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगा। उसके लिए विधानसभा चुनाव  की राह आसान होगी। 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में योगी आदित्यनाथ की सरकार  और सियासी दलों का टेस्ट होगा। इस टेस्ट के जरिए सियासी दलों को जनता में अपनी पकड़ का पता चलेगा। असल में राज्य में पंचायत चुनाव होने हैं और कोरोना संकट के कारण उत्तर प्रदेश सरकार त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव टालने जा रही है। वहीं राज्य सरकार पंचायत चुनाव फिलहाल छह महीने तक स्थगित करने की योजना तैयार कर रही है।

फिलहाल राज्य सरकार जल्द ही अंतिम निर्णय कर घोषणा करेगी  और राज्य में अगर स्थिति ठीक रहती है तो राज्य में अगले छह महीने में पंचायत चुनाव होंगे। राज्य के सभी सियासी दलों ने अपने-अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से पंचायत चुनाव में जुटने को कहा है। अगर राज्य में ये चुनाव अगले साल के पहले तीन महीने में होते हैं तो ये राज्य सरकार और विपक्षी दलों के लिए एक टेस्ट होंगे। क्योंकि 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और जो इन  चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगा। उसके लिए विधानसभा चुनाव  की राह आसान होगी। राज्य की सत्ताधारी भाजपा के साथ ही बसपा और अपना दल के बड़े नेताओं ने कार्यकर्ताओं को चुनाव  में जुट जाने के निर्देश दिए थे। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह वर्चुअल संवाद के जरिए चुनाव की पुख्ता तैयारी में जुटे हैं वहीं भाजपा की सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने भी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर पंचायत चुनाव के लिए रणनीति तैयार कर रही हैं।

फिलहाल राज्य सरकार चुनाव को टालने के पक्ष में है क्योंकि पंचायत चुनाव ग्रामीण इलाकों में होते हैं और सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ होती है। लिहाजा कोरोना संक्रमण को देखते हुए संक्रमण ग्रामीण इलाकों में भयंकर तौर पर फैल सकता है। लिहाजा राज्य सरकार का मानना है कि फिलहाल टाल दिया जाए। असल में राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके कारण राज्य सरकार सभी दलों के साथ समन्यव कर इन चुनावों को टालने पर विचार कर रही है। राज्य में करीब 59 हजार ग्राम पंचायतें हैं और जिनका कार्यकाल आगामी 25 दिसंबर को खत्म हो  जाएगा। लेकिन चुनाव की तैयारियां कोरोना संकट की वजह से लगातार पिछड़ती जा रही हैं।

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