कंगाल पाकिस्तान, जनता बेहाल और सांसद चाहें 'माल'

By Team MyNation  |  First Published Feb 3, 2020, 7:39 AM IST

महंगाई से परेशान इन सांसदों की मांग है कि इन सांसदों को परिवार समेत विमान यात्रा के लिए बिजनेस क्लास के टिकट मुफ्त में दिए जाएं। सांसदों ने महंगाई का रोना रोते हुए वेतन को तुरंत बढ़ाने की मांग की है। फिलहाल इन सांसदों की मांग को संसदीय कार्य मंत्रालय व वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया गया है।
 

नई दिल्ली। पाकिस्तान आर्थिक तौर पर कंगाल हो चुका है। पाकिस्तान की जनता महंगाई और बेरोजगारी के कारण बेहाल है। लेकिन खस्ताहाल इस देश में वहां के सांसद महंगाई को देखते हुए अपने वेतन में इजाफा चाहते हैं। लेकिन सवाल है कि जिस देश के पीएम के पास विदेश की यात्रा के लिए सरकारी खजाने में पैसे न हों वह सांसदों का वेतन कैसे बढ़ागी। फिलहाल सांसदों की ये मांग पाकिस्तान में चर्चा का विषय बनी हुई है।

पाकिस्तान के कई सांसदों ने सीनेट सचिवालय में एक प्रस्ताव रखा है। जिसके तहत इन सांसदों ने अपने वेतन में इजाफे की मांग की है। इन सांसदों का कहना है कि देश में महंगाई बढ़ गई है। जिसके कारण उनका वेतन बढ़ाया जाए। क्योंकि वह खर्चा नहीं चला पा रहे हैं। इन सांसदों ने अपने पत्र में ये भी लिखा है कि सीनेट के चेयरमैन व डिप्टी चेयरमैन तथा नेशनल एसेंबली के स्पीकर व डिप्टी स्पीकर के वेतन में चार सौ गुना की और सभी सांसदों के वेतन में सौ गुना का इजाफा किया जाए।

महंगाई से परेशान इन सांसदों की मांग है कि इन सांसदों को परिवार समेत विमान यात्रा के लिए बिजनेस क्लास के टिकट मुफ्त में दिए जाएं। सांसदों ने महंगाई का रोना रोते हुए वेतन को तुरंत बढ़ाने की मांग की है। फिलहाल इन सांसदों की मांग को संसदीय कार्य मंत्रालय व वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया गया है। इन सांसदों के मुताबिक कानून में बदलाव कर सीनेट चेयरमैन व नेशनल एसेंबली स्पीकर का मौजूदा वेतन ढाई लाख पाकिस्तानी रुपये से बढ़ाकर आठ लाख सत्तर हजार रुपये किया  जाना चाहिए वहीं सीनेट के डिप्टी चेयरमैन और नेशनल एसेंबली के डिप्टी स्पीकर का वेतन एक लाख पचासी हजार रुपये से बढ़ाकर आठ लाख उन्तीस हजार रुपये होना चाहिए जबकि सांसदों का वेतन एक लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जाना चाहिए।

लेकिन खस्ताहाल हो चुके पाकिस्तान में महंगाई का आलम ये है कि वहां पर नान भी 40 रुपये की मिल रही है। वहीं पाकिस्तान में कार निर्माताओं ने वाहनों को बनाना बंद कर दिया है। जबकि बेरोजगारी काफी बढ़ी है। आईएमएफ के कर्जा  लेने के बाद पाकिस्तान में महंगाई तेजी से बढ़ी है क्योंकि सरकार को कई वस्तुओं पर दी जा रही रियायतों को वापस लेना पड़ा है।

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