राजस्थान के CM अशोक गहलोत को कोर्ट में क्यों मांगनी पड़ी माफी? इस बयान पर मचा था बवाल

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Oct 3, 2023, 2:46 PM IST
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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अपने उस विवादित बयान के लिए कोर्ट में माफी मांगी है। जिसमें उन्होंने 'न्यायपालिका में भ्रष्टाचार' संबंधी बात कही थी। शिवचरण की तरफ से इस सिलसिले में कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। मंगलवार को गहलोत की तरफ से हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में जवाब दाखिल किया गया है।

जयपुर। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अपने उस विवादित बयान के लिए कोर्ट में माफी मांगी है। जिसमें उन्होंने 'न्यायपालिका में भ्रष्टाचार' संबंधी बात कही थी। शिवचरण की तरफ से इस सिलसिले में कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। मंगलवार को गहलोत की तरफ से हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में जवाब दाखिल किया गया है। जिसमें सफाई देते हुए कहा गया है कि उन्होंने पूर्व में जो कुछ भी कहा था, वह विचार उनके व्यक्तिगत नहीं थे। उनकी तरफ से यह भी कहा गया है कि पूर्व में न्यायाधीशों की तरफ से भी कई बार ज्यूडिशियरी में भ्रष्टाचार को लेकर बयान दिए गए थे। उन्हीं बयानों के आधार पर यह बात कही। यदि मेरे बयान से ज्यूडिशियरी की गरिमा को ठेस पहुंचती है, तो फिर मैं माफी मांगता हूॅं।

सीएम अशोक गहलोत ने क्या बयान दिया था?

बीती 30 अगस्त को सीएम अशोक गहलोत ने न्यायपालिका में करप्शन को लेकर जयपुर में विवादित बयान दिया था। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका में भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है। यहां तक बोल उठे कि मैंने सुना है कि कई वकील जजमेंट लिखकर जाते हैं। वही जजमेंट बाद में आता भी है। निचली अदालत हो या ऊपरी, हालात सब जगह सीरियस है। देशवासियों को इसे लेकर विचार करना चाहिए कि न्यायपालिका में क्या हो रहा है?

किसने दायर की थी अशोक गहलोत के खिलाफ याचिका?

सीएम अशोक गहलोत के बयान के बाद ज्यूडिशियरी की तरफ से भी तीखे तेवर दिखाए गए। चीफ जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने सीएम गहलोत के बयान को रिकॉर्ड पर लिया और 7 नवंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी। इसी बीच शिवचरण गुप्ता की तरफ से सीएम गहलोत के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। सीएम गहलोत की तरफ से एडवोकेट प्रतीक कासलीवाल ने जवाब पेश किया। पूर्व न्यायाधीशों के दिए गए बयानों के दस्तावेज भी पेश किए। 

सीएम गहलोत के बयान के बाद राजस्थान में मचा था हड़कम्प

सीएम अशोक गहलोत की तरफ से न्यायपालिका पर दिए गए बयान के बाद राज्य में हड़कम्प मच गया था। अदालतों में सीएम गहलोत के खिलाफ प्रदर्शन भी देखने को मिले। वकीलों ने भी गहलोत के पुतलों का दहन किया। बार काउंसिल की तरफ से भी चीफ जस्टिस को शिकायती पत्र भेजे गएं। हाईकोर्ट में भी कई वकीलों ने सीएम के खिलाफ याचिका दायर की थी।  

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