असल में मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा करने के वक्त आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ग्राहकों के लिए इसका ऐलान किया। हालांकि अभी तक आरटीजीएस का समय ग्राहकों के लिएसुबह सात बजे से शाम छह बजे तक है।
नई दिल्ली। दिसंबर से बैंकों में ज्यादा ट्रांसजैक्सन करने वाले लोगों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक बेहतर सुविधाएं ला रहा है। अब आरबीआई ने करोड़ों ग्राहकों को राहत दी है और एक और बड़ी घोषणा की है। आरबीआई ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट यानी आरटीजीएस को दिसंबर से 24 घंटे सातों दिन चालू रखने की घोषणा की है। इससे उन ग्राहकों को फायदा होगा जो रोजाना ज्यादा ट्रांसजैक्शन करते हैं। और उन्होंने इसके बाद बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए बैंक के खुलने और बंद होने का इंतजार नहीं करना होगा।
असल में मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा करने के वक्त आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांचत दास ने ग्राहकों के लिए इसका ऐलान किया। हालांकि अभी तक आरटीजीएस का समय ग्राहकों के लिएसुबह सात बजे से शाम छह बजे तक है। वहीं दूसरे और चौथे शनिवार को बैकों में अवकाश होने के कारण ये सुविधा भी बंद रहती है। इसके अलावा रविवार को भी यह सर्विस बंद रहती है। जिसके कारण बैंक के उन ग्राहकों को ज्यादा दिक्कत होती है। जिन्हें ज्यादा पैसे का लेनदेन करना होता है। इसके साथ ही आरबीआई ने देश भर में डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए ये फैसला किया है।
फिलहाल कोरोना काल में डिजिटल बैंकिंग का उपयोग बढ़ गया है। गौरतलब है कि आरटीजीएस के तहत न्यूनतम ट्रांसफर अमाउंट दो लाख रुपये है और अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है। लेकिन ज्यादातर ग्राहक इसका इस्तेमाल सप्ताह में छह दिन ही कर पाते हैं वहां दूसरे और चौथे शनिवार को इसका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। माना जा रहा है कि इस सुविधा के शुरू होने से ग्राहकों को लाभ मिलेगा। आरटीजीएस के जरिए किया गया ट्रांसजैक्शन तुरंत ही दूसरे खाते में ट्रांसफर हो जाता है। हालांकि इसके लिए बैंक अपने ग्राहकों से शुल्क नहीं लेते हैं।
इसके अलावा छह जून 2019 को आरबीआई ने आम जनता को राहत देते हुए आरटीजीएस और नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के लिए लिए जाने वाले शुल्क को निशुल्क कर दिया था। हालांकि पहले ही आरबीआई एनईएफटी को 24 घंटे कर चुकी है और इसके लिए आरबीआई ने बैंकों को दिया था। जबकि पहले एनईएफटी की सुविधा सुबह आठ बजे से शाम सात बजे तक ही थी। इसका इस्तेमाल इंटरनेट के जरिए दो लाख रुपये तक के लेन-देन के लिए किया जाता है।