राहत: यूपी कम हुए कोरोना के मामले, लेकिन योगी सरकार कर रही ज्यादा टेस्टिंग

By Team MyNation  |  First Published Oct 27, 2020, 7:02 PM IST

राज्य सरकार का कहना है कि उत्तर प्रदेश अभी तक प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत ऋण वितरण में प्रथम स्थान पर है। राज्य में लगभग 07 लाख छोटे व्यापारियों, ठेले वाले, रेहड़ी वाले तथा छोटे-छोटे खोखे वाले, खोमचे वालों आदि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत ऋण के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलों में लगातार कमी आ रही है और संक्रमण की दर मे गिरावट आने के बावजूद बीमारी पर नियंत्रण बनाये रखने के लिए टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही है। प्रदेश के चिकित्सालयों में समुचित संसाधन उपलब्ध है। प्रदेश के अस्पतालों में 1.50 से अधिक कोविड बेड्स की व्यवस्था की गयी है। जिला, मण्डल एवं मुख्यालय स्तर पर निरन्तर समीक्षा हो रही हैं।  वहीं राज्य सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री जी ने पी0एम0 स्वनिधि योजना के तहत लगभग 2.74 लाख से अधिक छोटे व्यापारियों, ठेले वाले, रेहड़ी वाले तथा छोटे-छोटे खोखे वाले, खोमचे वालों आदि को 10-10 हजार रूपये ऋण वितरण कर एक अभियान का प्रारम्भ किया है। 

राज्य सरकार का कहना है कि उत्तर प्रदेश अभी तक प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत ऋण वितरण में प्रथम स्थान पर है। राज्य में लगभग 07 लाख छोटे व्यापारियों, ठेले वाले, रेहड़ी वाले तथा छोटे-छोटे खोखे वाले, खोमचे वालों आदि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत ऋण के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। जिनमें से 3.62 लाख अभ्यार्थियों को ऋण स्वीकृत हुआ है। प्रधानमंत्री जी द्वारा 2.74 लाख लाभार्थियों को ऋण वितरण किया गया। प्रधानमंत्री जी ने प्रदेश के तीन शहरों वाराणसी, लखनऊ तथा आगरा के लाभार्थियों से बात की।

राज्य के अपर मुख्य सचिव सूचना और जनसंपर्क नवनीत सहगल का कहना है कि लाभार्थियों की संख्या को 2.74 लाख से बढ़ाकर बैकों के सहयोग से कम से कम 05 लाख तक लाया जाएगा और इसमें छोटे व्यापारी, ठेले वाले, रेहड़ी वाले तथा छोटे-छोटे खोखे वाले, खोमचे वालों आदि अपने व्यवसाय को बढ़ाया जा सकेगा।  उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार/स्वरोजगार सृजन अभियान में इस वित्तीय वर्ष में 14 मई से आजतक लगभग 5.80 लाख नई इकाईयों को रू0 15,526 करोड रूपये के ऋण वितरण किया गया है। इस प्रकार 10 लाख से अधिक इकाईयों को 26 हजार करोड़ रूपये से अधिक की आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी गयी है। इस अभियान से लगभग 25 लाख रोजगार के अतिरिक्त अवसर पैदा हुये है।
 

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