अभी तक केरल में ही महज तीन मामले कोरोनोवाइरस के मिले हैं और तीन मरीजों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। लेकिन आंध्र प्रदेश में एक व्यक्ति ने सिर्फ इस बात के लिए आत्महत्या कर ली कि उसे शक था कि वह इस वाइरस से संक्रमित है। क्योंकि उसे डॉक्टरों ने मास्क पहनने के लिे कहा था। जिसके बाद उसने ये खतरनाक कदम उठाया।
अमरावती। आंध्र प्रदेश में एक चौंकाने वाला मामला सामने आ रहा हैं। जहां एक आदमी ने कोरोनावायरस के शक में आत्महत्या की। हालांकि उसे किसी भी तरह की बीमारी नहीं थी। लेकिन डाक्टरों ने उसे बचाव के लिए मास्क पहने की सलाह दी थी। जिसके बाद उसने इस शक में आत्म हत्या कर ली कि वह कोरोनोवायरस संक्रमित है।
अभी तक केरल में ही महज तीन मामले कोरोनोवायरस के मिले हैं और तीन मरीजों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। लेकिन आंध्र प्रदेश में एक व्यक्ति ने सिर्फ इस बात के लिए आत्महत्या कर ली कि उसे शक था कि वह इस वाइरस से संक्रमित है। क्योंकि उसे डॉक्टरों ने मास्क पहनने के लिे कहा था। जिसके बाद उसने ये खतरनाक कदम उठाया। उसे लग रहा था कि वह मास्क पहन कर लोग उसे संक्रमित समझेंगे।
पुलिस का कहना है कि मृतक की मौत कोरोनोवायरस की वजह से नहीं बल्कि एक गंभीर गलतफहमी के कारण हुई। जानकारी के मुताबिक 54 वर्षीय चित्तूर के व्यक्ति ने कोरोनोवायरस संक्रमण के शक में खुद को मार डाला। क्योंकि उसने कोरोनोवायरस के लक्षणों को गलत समझा और उसने गलत तरीके से सोचा था कि उन्हें कोरोनोवायरस है।
असल में डॉक्टरों ने उस आदमी को बताया कि वह कोरोनोवायरस से संक्रमित नहीं है, लेकिन उसे ग्रामीणों से दूर रहने की सलाह दी थी और आदमी को कुछ अन्य संक्रमण के कारण मास्क पहनने की सलाह दी थी। मृतक के बेटे ने कहा कि उनके पिता घबराए हुए थे और उनका मानना था कि वह कोरोनोवायरस से संक्रमित हैं।
गौरतलब है कि चीन में इस घातक बीमारी के प्रकोप से हजार लोगों की मौत हो गई है करीब पचास हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। वहीं पिछले दिनों ही भारत ने चीन से कई भारतीयों को निकाला है। जिसमें 56, 53 और 42 क्रमशः आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल से थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, कोरोनोवायरस के सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी और सांस की तकलीफ होना है।