बीते दो दिनों में देश की सर्वोच्च अदालत ने कई अहम फैसले सुनाए हैं। आज भीमा-कोरेगांव हिंसा और केरल के सबरीमाला मंदिर से जुड़े दो अहम फैसले सुना सकता है।
सुप्रीम कोर्ट आज दक्षिण भारत के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में पचास वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत को लेकर फैसला सुना सकता है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी हो या उन्हे रिहा किया जाए इस पर फैसला आ सकता है।
आपको बता दे कि सबरीमाला दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिर इस मंदिर में दस से पचास वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं का प्रवेश करना प्रतिबंधित है। इस प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ फैसला सुना सकती है।
इस मसले पर कोर्ट ने आठ दिनों तक सुनवाई के बाद एक अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ में जस्टिस मिश्रा के अलावा न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, जस्टिस एएम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा भी शामिल हैं।
इसके अलावा भीमा-कोरेगांव में हुई पांच लोगों की गिरफ्तारी के मामले में फैसला आसकता है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने 20 सितंबर को दोनों पक्षों के वकीलों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
पीठ ने महाराष्ट्र पुलिस को मामले में चल रही जांच से संबंधित अपनी केस डायरी पेश करने के लिए कहा। इस मामले में वरवरा राव, अरुण फरेरा, वरनॉन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा 29 अगस्त से अपने-अपने घरों में नजरबंद हैं।
आपको बता दें कि, पिछले साल 31 दिसंबर को ‘एल्गार परिषद’ के सम्मेलन के बाद महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमा में भड़की हिंसा के बाद दर्ज एक एफआईआर के संबंध में महाराष्ट्र पुलिस ने इन्हें 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था।