सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और दलीलों में अब जेंडर स्टीरियोटाइप व्हाट्स का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। बता दे सर्वोच्च न्यायालय ने महिलाओं के लिए प्रयोग किए जाने वाले आपत्तिजनक शब्दों पर रोक लगाने के लिए जेंडर स्टीरियोटाइप कॉम्बैट हैंड बुक लॉन्च कर दी है।
नेशनल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और दलीलों में अब जेंडर स्टीरियोटाइप व्हाट्स का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। बता दे सर्वोच्च न्यायालय ने महिलाओं के लिए प्रयोग किए जाने वाले आपत्तिजनक शब्दों पर रोक लगाने के लिए जेंडर स्टीरियोटाइप कॉम्बैट हैंड बुक लॉन्च कर दी है। इसके बाद महिलाओं के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्द जैसे छेड़छाड़, वेश्या, गृहिणी कानूनी शब्दावली से बाहर हो सकतें हैं।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने लांच की हैंडबुक
गौरतलब है बीते महीनों महिला दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सीजीआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि कानूनी मामलों में महिलाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले आपत्तिजनक शब्दों पर रोक लगाई जाएगी साथ ही जल्द डिक्शनरी भी सामने आएगी। इसी क्रम में 16 अगस्त को न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने हैंडबुक जारी करते हुए कहा कि इससे जजों और वकीलों को यह समझने में काफी आसानी होगी कि कौन से शब्द रूढ़िवादी है और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
जेंडर स्टीरियोटाइप कॉम्बैट हैंडबुक में क्या है?
सीजीआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हैंड गोपी आपत्तिजनक शब्दों की लिस्ट है और उसकी जगह प्रयोग किए जाने वाले शब्द और वाक्य बताए गए हैं। से कोर्ट में दलीलें देने आदेश देने और उसकी कॉपी तैयार करने में प्रयोग किया जा सकता है यह हैंडबुक वकीलों के साथ-साथ जजों के लिए भी है
यहां पर देख सकते हैं पूरी हैंडबुक- https://main.sci.gov.in/pdf/LU/16082023_073106.pdf