झारखंड से देश में आतंकवाद भड़काने वाले बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। खबर है कि यहां तकनीक का सहारा लेकर आतंकवादी संगठनों के लिए कैडर तैयार किया जा रहा था।
आतंकवाद निरोधी दस्ते(एंटी टेरोरिस्ट स्क्वायड) की टीम ने रांची में चल रहे एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। यह नेटवर्क ट्रेनिंग सेन्टर के बहाने चलाया जा रहा था।
एटीएस ने रांची में दो स्थानों पर छापेमारी कर पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पकड़े गए गिरोह के सदस्य रांची में टेलिकॉम कंपनी का टावर लगाकर सिमबॉक्स चला रहे थे। इसे दुबई से ऑपरेट किया जा रहा था।
सिमबॉक्स का इस्तेमाल रांची से खासकर कश्मीर समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने, दंगा भड़काने के अलावा सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण खुफिया सूचनाओं को लीक करने के लिए किया जा रहा था।
खबर है कि इस नेटवर्क के तार झारखंड के जमशेदपुर, धनबाद, जामताड़ा और पाकुड़ से भी जुड़े हुए थे। वहां भी कार्रवाई चल रही है और दो दर्जन से अधिक टीमें छापेमारी में लगी हुई है।
इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। इसलिए राज्य पुलिस के अधिकारी इस बारे में पूरी गोपनीयता बरत रहे हैं।
इस आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए एटीएस के अलावा सीआइडी और स्पेशल ब्रांच भी जुटी हुई है।
यही नहीं अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन इंटरपोल की भी नजर इस टेरर नेटवर्क पर थी। इस बारे में कई बार खुफिया इनपुट मिलने के बाद एटीएस ने पूरी सतर्कता बरतते हुए विशेष अभियान चलाया।
रांची में यह आतंकवादी नेटवर्क कांटाटोली और कांके रोड पर चल रहा था। जहां छापेमारी करके दर्जन भर लोगों को हिरासत में लिया है। इनके पास से 10 हजार सिम कार्ड और सिमबॉक्स बरामद किए गए हैं।
एटीएस एसपी सहित कई अधिकारी हिरासत में लिए गए आरोपितों से पूछताछ कर रहे हैं। खास बात यह है, कि 10 हजार सिमकार्ड एक ही व्यक्तिके नाम पर जारी कराए गए थे। यही नहीं आरोपियों ने अपने ठिकाने पर एयरटेल फोर-जी का टावर भी लगाकर रखा था ताकि इनके कॉल को कोई ट्रेस न कर सके।
हिरासत में लिए गए लोगों से जानकारी मिली है, कि यूआइपी कॉल और बल्क मैसेज भेजकर कट्टरपंथी विचारों का प्रसार किया जा रहा था। जिससे आतंकवादी संगठनों को अपनी गतिविधियां चलाने के लिए कैडर मिल सके।
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इसके लिए दुबई, पाकिस्तान और बांग्लादेश से फंडिंग होती है। आतंकी नेटवर्क का तार कई देशों से जुड़ा हुआ है।
बताया जा रहा है कि यह लोग खुफिया तंत्रों की सूचना को भी लीक किया करते थे।
आतंकियों के पास से बरामद सिमबॉक्स से एक साथ 50 हजार लोगों को मैसेज भेजा जा सकता है।
इस आतंकवादी नेटवर्क के खुलासे के बाद कई और सनसनीखेज जानकारियां हासिल मिलने की उम्मीद की जा रही है।