बिहार में महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर गतिरोध कायम! माझी अभी भी नाराज

By Team MyNationFirst Published Aug 10, 2020, 8:08 AM IST
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राज्य में इस साल चुनाव होने हैं और कोरोना और राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए  माना जा रहा है कि राज्य में चुनाव कुछ समय के लिए टल सकते हैं। विपक्षी दल इसकी मांग कर रहे हैं। हालांकि इसका फैसला चुनाव आयोग को करना है। 

पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों के महागठबंधन के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है। वहीं बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल दिल्ली रवाना हो गए और उनकी किसी भी घटक दल के नेता के साथ बैठक नहीं हो सकी। असल में कांग्रेस राज्य में राजद से ज्यादा सीटें चाहती है। वहीं वह विपक्षी दलों को एकजुट कर चुनाव लड़ने की रणनीति पर काम कर रही है।

राज्य में इस साल चुनाव होने हैं और कोरोना और राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए  माना जा रहा है कि राज्य में चुनाव कुछ समय के लिए टल सकते हैं। विपक्षी दल इसकी मांग कर रहे हैं। हालांकि इसका फैसला चुनाव आयोग को करना है। राज्य के सीएम नीतीश कुमार भी इसी की तरफ इशारा कर चुके हैं। वहीं कांग्रेस राज्य में चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगी है। लेकिन अभी तक उसे सफलता मिली है। राज्य में महागठबंधन के घटक दल हम के नेता जीतन राम मांझी कांग्रेस और राजद से नाराज हैं और अभी तक समन्वय समिति बनाने की उनकी मांग को राजद ने दरकिनार किया है। वहीं रालोसपा भी नाराज बताई जा रही है। जबकि मुकेश साहनी की वीवीआईपी राजद के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं।

फिलहाल कांग्रेस के राज्य में प्रभारी शक्ति सिंह गोविल पटना में थे और विपक्षी दलों के नेताओं के साथ उनकी बैठक होनी थी। लेकिन मगर ऐसा नहीं हुआ। क्योंकि तेजस्वी यादव के अलावा बाकी दलों के नेता  पटना में नहीं थे और उनकी तेजस्वी से भी भेंट नहीं हो सकी। फिलहाल राज्य में कांग्रेस की स्थिति मजबूत नहीं है और वह राजद के साथ चुनाव लड़कर खुद की स्थिति को मजबूत करना चाहती है। हालांकि गोविल का कहना है महागठबंधन में समन्वय की कोई दिक्कत नहीं हैं और सभी घटक दलों के साथ बातचीत हो रही है।

सुशांत सिंह मामले में फंस सकती है कांग्रेस

राज्य में कांग्रेस सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले में फंस सकती है। क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस शिवसेना के साथ सरकार में गठबंधन में है और बिहार में सभी दलों ने सीबीआई की जांच की मांग की थी और इसकी आधार पर बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। जबकि महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। लिहाजा माना जा रहा है चुनाव में सुशांत सिंह सुसाइड मामला एक बड़ा मुद्दा बन सकता है और इससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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