विपक्ष द्वारा ट्रिपल बिल बाधित करने की सूरत में ये है सरकार का प्लान-बी…

By Anindya Banerjee  |  First Published Aug 10, 2018, 3:35 PM IST

तीन तलाक बिल राज्यसभा में उलझा हुआ है। विपक्ष बिल को समर्थन देने को तैयार नहीं है। विपक्ष राफेल डील की जांच के लिए जेपीसी की मांग कर रहा है। इन तमाम अड़चनों के बीच ट्रिपल तलाक बिल पर सरकार ने प्लान-बी भी तैयार किया हुआ है।

तीन तलाक बीजेपी के लिए सिर्फ सामाजिक मुद्दा नहीं है बल्कि ये पार्टी को बड़ा सियासी लाभ देने वाला मसला है। इसका जीता जागता मिसाल है यूपी विधानसभा चुनाव जिसमें भारतीय जनता पार्टी को मुस्लिम महिलाओं का जबरदस्त समर्थन हासिल हुआ। सीएम के तौर पर सूबे की कमान सभांलते ही तीन तलाक की तमाम पीड़िताएं उम्मीद के साथ मुख्यमंत्री निवास के बाहर एकत्रित हुईं। इसमें कोई संदेह भी नहीं है कि ट्रिपल तलाक बिल को पास कराने की कवायद में लगी बीजेपी इसके सहारे मुसलमान महिलाओं के बीच अपनी पैठ मजबूत करना चाह रही है। राज्यसभा के पटल पर इस बिल को लाया जा रहा है और ये भी तय ही दिख रहा कि बिल वहां से पास न हो। इसके बाद इस अहम मुद्दे पर बीजेपी ने प्लान बी भी तैयार किया हुआ है।


शुक्रवार सुबह कुछ सांसदों और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने मुलाकात की जहां आगे की रणनीति पर विचार किया गया। 


ये तो साफ है कि विपक्ष इस बिल को पास कराने के मूड में नहीं है। कांग्रेस की अगुवाई वाला विपक्ष राफेल डील में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए जांच की मांग कर रहा है। वो इसकी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग कर रहे हैं। विपक्षी नेता इस बात पर उतारू हैं कि जब तक राफेल डील की जांच के लिए जेपीसी का गठन नहीं हो जाता तब तक वो ट्रिपल तलाक बिल को पास नहीं होने देंगे। ये सबकुछ अचानक हुआ है। 


इसके बाद लंच टाइम के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान और विजय गोयल के साथ दोबारा बैठक की। जहां प्लान बी को तैयार किया गया।


संसद का मॉनसून सत्र आज समाप्त हो रहा है, अगर विपक्ष बिल के पास होने में व्यवधान जारी रखता है तो सरकार उसके सामने दो विकल्प रखेगी। पहला तो ये कि मॉनसून सत्र को बढ़ाया जाय जहां दोनों मसलों पर समग्र चर्चा हो सके, जो ट्रिपल तलाक बिल के पास होने का रास्ता साफ करेगा। विपक्ष इसको मानने से इनकार करता है तो सरकार अपने ‘ब्रह्मास्त्र’ का इस्तेमाल करेगी और ये होगा शीतकालीन सत्र से पहले ट्रिपल तलाक बिल पर अध्यादेश लाना। सूत्र ये कहते हैं कि विपक्ष के न मानने की सूरत में सरकार अगले महीने अध्यादेश ला सकती है।


मोदी सरकार किसी भी कीमत पर ट्रिपल तलाक बिल के सहारे हासिल समर्थन की जमीन खिसकने नहीं देना चाहती। सरकार हर वो प्रयास करेगी जिससे कि विपक्ष के तीन तलाक बिल बाधित करने से पार पाया जा सके। 

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