ये हैं मध्य प्रदेश के दो भाजपा विधायक जो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से भी नहीं डरते

By Team MyNationFirst Published Jul 25, 2019, 8:17 PM IST
Highlights

जहां पूरे देश में बीजेपी का कुनबा बढ़ रहा है वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी के दो विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने की आशंका है। बुधवार को मध्‍यप्रदेश विधानसभा में कमलनाथ सरकार द्वारा पेश किए गए दंड संशोधन विधेयक पर हुई वोटिंग में भाजपा के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। 
 

भोपाल: मध्य प्रदेश भाजपा के दो विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने की खबरों से प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। हाल ही में मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने जहां कमलनाथ सरकार गिराने की चेतावनी दी थी। जिसके जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी के दो विधायकों को पार्टी से बगावत करने के लिए तैयार कर लिया।

 दरअसल, बुधवार को मध्‍यप्रदेश विधानसभा में दंड संशोधन विधेयक पर हुई वोटिंग में भाजपा के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। क्रॉस वोटिंग करने वाले पहले विधायक मैहर के नारायण त्रिपाठी और दूसरे ब्यौहारी के शरद कोल हैं। वोटिंग के बाद से ही दोनों के कांग्रेस में शामिल होने की खबरें तेज हैं। जानते हैं अपनी ही पार्टी से बगावत करने वाले इन दोनों विधायकों का इतिहास। 

नारायण त्रिपाठी (मैहर विधायक) : सपा, कांग्रेस से होते हुए बीजेपी में आए
नारायण त्रिपाठी 2003 में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद उन्होंने सपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था और 2013 के उपचुनाव में जीत हासिल की। इसी बीच उन्होंने दोबारा पार्टी बदल ली और भाजपा में शामिल हो गए और 2018 के उपचुनाव में जीत हासिल की। इसके बाद मप्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी से चुनाव लड़कर नारायण त्रिपाठी दोबारा विधायक बने। कमलनाथ सरकार बनने के बाद से ही चर्चा थी कि नारायण त्रिपाठी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। 

शरद कोल (ब्यौहारी विधायक) बसपा से होते हुए कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में आए
शरद कोल मध्यप्रदेश के सबसे कम उम्र के विधायक हैं। सबसे पहले वो बसपा में थे। इसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए लेकिन टिकट की मांग पर कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आ गए। इनके पिता जुगलाल कोल कांग्रेस के बड़े आदिवासी नेता हैं। ब्यौहारी सीट से शरद कोल ने टिकट मांगा था लेकिन कांग्रेस ने मौजूदा विधायक रामपाल सिंह को ही मैदान में उतारा। इसके बाद कोल बीजेपी में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें टिकट दे दिया। शरद ने रिकॉर्ड वोटों से चुनाव जीता। शरद के पिता जुगलाल चाहते हैं कि उनका बेटा वापस कांग्रेस में आ जाए।

click me!