बहराइच में मुस्लिम युवक की शादी का अनूठा कार्ड: विघ्नहर्ता भगवान गणेश को भेजा पहला निमंत्रण

By Surya Prakash TripathiFirst Published Feb 24, 2024, 11:00 AM IST
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बहराइच के एक मुस्लिम परिवार ने अपनी बेटी की शादी में कुछ ऐसा ही कार्ड छपवाकर लोगों को चौंका दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह शादी का कार्ड पूर्णतया हिंदू रीति रिवाज के तहत छपवाया गया है। 

बहराइच। "विघ्न हरण मंगल करण हे गणपति महाराज प्रथम निमंत्रण आपको पूर्ण कीजिए काज"अमूमन यह चौपाई हिंदू परिवारों के बच्चों के शादी के कार्ड में छपी होती है। लेकिन बहराइच के एक मुस्लिम परिवार ने अपनी बेटी की शादी में कुछ ऐसा ही कार्ड छपवाकर लोगों को चौंका दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह शादी का कार्ड पूर्णतया हिंदू रीति रिवाज के तहत छपवाया गया है। यही नहीं लड़के के पिता ने पहले निमंत्रण कार्ड भगवान श्री गणेश को दिया है। कार्ड में पता कैसरगंज बहराइच लिखा है।
 

श्री गणेशाय नमः से शुरू कर विनीत पर किया खत्म, 29 फरवरी को है निकाह
बहराइच के सफीपुर गांव के रहने वाले मुस्लिम परिवार ने बाकायदा ।।श्री गणेशाय नमः।। से कार्ड की शुरुआत करके दर्शनाभिलाषी और विनीत पर आकर खत्म किया है। जिसमें प्रीतिभोज से लेकर शुभ विवाह और वर के लिए चिरंजीवी एवं कन्या के लिए आयुष्मती कुमारी शब्दों को भी जोड़ा गया है। वायरल हो रहे इस कार्ड के बारे में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद अंतर्गत सफीपुर गांव निवासी उजहुल कमर ने अपने बेटे का निकाह (शादी) 29 फरवरी को जरवल रोड निवासी जुमेराती की बेटी सानिया खातून के साथ तय किया है। 

 


 

हिंदुओ के लिए कार्ड से लेकर प्रीतिभोज तक अलग व्यवस्था
शादी के कार्ड को हिंदू रीति रिवाज के अनुसार छपवाने के बारे में लड़के के पिता उजहुल कमर ने बताया कि चूँकि हमारे यहां हिंदू और मुस्लिम की संयुक्त आबादी है। हमारे यहां दोनों समुदाय के लोगों का आना-जाना है। मुस्लिम परिवारों के लिए हमने उर्दू में कार्ड छपवाया है। जिसे हिंदू समाज के लोगों को पढ़ने में दिक्कत होती, इसलिए हिंदू भाइयों के लिए हमने हिंदू रीति रिवाज और धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्ड छपवाकर बटवाया है। उजहुल कमर ने हिंदू परिवारों के लिए प्रीतिभोज के कार्यक्रम को एक दिन पहले रखा है। मुस्लिम समाज को दूसरे दिन प्रीतिभोज का निमंत्रण दिया गया है
 

मुस्लिम परिवार के इस कदम की हो रही वाहवाही
उनका कहना है कि इस तरह से हमें दोनों समुदायों को लोगों को जानने का मौका मिलेगा। हम एक ही गांव घर देश परिवार में रहते हैं। उजहुल कमर के इस कदम की लोग खुले दिल से सराहना कर रहे हैं।

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