किम जोंग से मिलने उत्तर कोरिया पहुंचे ट्रंप, आखिर क्यों दिया इतना बड़ा सरप्राइज

By Team MyNationFirst Published Jun 30, 2019, 2:29 PM IST
Highlights

अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम से पूरी दुनिया चौंक गयी है और सब अपने अपने तरह से इस मुलाकात को लेकर कयास लगा रहे हैं। क्योंकि किम जोंग से मिलने के लिए अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तरी कोरिया पहुंचे। हालांकि ईरान अमेरिका के बीच चल रहे तनाव के बीच किम जोंग ने बयान दिया था कि किसी भी राष्ट्र की उन पर दादागिरी नहीं चलेगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज पूरी दुनिया को चौंका दिया। वह आज उत्तर कोरिया के नेता किंम जोंग-उन से मिलने के लिए उत्तर कोरिया पहुंचे। ट्रंप उत्तर कोरिया जाने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं। दोनों देशों के नेताओं की मुलाकात उत्‍तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच असैन्यीकृत क्षेत्र में हुई।

 अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम से पूरी दुनिया चौंक गयी है और सब अपने अपने तरह से इस मुलाकात को लेकर कयास लगा रहे हैं। क्योंकि किम जोंग से मिलने के लिए अमेरिका राष्ट्रपति उत्तरी कोरिया पहुंचे। हालांकि ईरान अमेरिका के बीच चल रहे तनाव के बीच किम जोंग ने बयान दिया था कि किसी भी राष्ट्र की उन पर दातागिरी नहीं चलेगी। लेकिन जी-20 बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का उत्तर कोरिया के नेता किंम जोंग-उन से मिलना पूरी दुनिया के लिए एक तरह का सरप्राइज है।

हालांकि कुछ समय पहले दोनों नेता सिंगापुर में मिले थे। हालांकि दोनों के बीच कोई सहमति नहीं बन पायी थी। हालांकि कुछ दिन पहले अमेरिका के साथ परमाणु ढील न होने के कारण किम जोंग ने अपने कुछ अफसरों को मौत के घाट उतार दिया था। आज दोनों देशों के प्रमुखों के बीच उत्‍तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच असैन्यीकृत क्षेत्र (डीएमजेड) में मुलाकात हुई।

असल में ट्रंप ने इसके संकेत शनिवार को ही दे दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया में अपने ट्विट के जरिए कहा था कि वह 'चीन के राष्ट्रपति शी (जिनपिंग) के साथ बैठक करेंगे और जापान से दक्षिण कोरिया (राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ) जा रहा हूं। लेकिन अगर उत्तर कोरिया के नेता किम इसे देख रहे हैं, तो मैं उनसे सिर्फ हाथ मिलाने और हैलो (?) बोलने के लिए डीएमजेड क्षेत्र में मिलूंगा। गौरतलब है कि उत्‍तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर  12 जून को सिंगापुर में हुई थी और इसके साथ ही वियतनाम के हनोई में भी बैठक हुई थी। लेकिन इसमें दोनों देशों को कोई सफलता नहीं मिली।

click me!