पत्नी ने किया सिंदूर और चूड़ी पहनने से इंकार, तो पति को मिला तलाक

By Team MyNationFirst Published Jul 1, 2020, 7:40 AM IST
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हाईकोर्ट में बड़ा दिलचस्प मामला सामने आया था। जिसमें पति पत्नी से तलाक चाहता था। लेकिन पत्नी सिंदूर लगाने और चूड़ी पहनने से मना करती थी। लेकिन हाई के मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा और जस्टिस सौमित्र सैकिया की दो सदस्यीय खंडपीठ ने इस पर पारिवारिक अदालत के फैसले को पलट दिया और तलाक को मंजूर कर दिया।

नई दिल्ली। शादी के बाद से ही पत्नी ने चूड़ी पहनने और सिंदूर को लगाने से मना कर दिया। पत्नी का कहना था कि ये उसे बोझ लगते हैं। पत्नी मॉडन लगना चाहती और इसके लिए वह यह नहीं बताना चाहती थी कि वह विवाहित है। लिहाजा पत्नी के इन्हीं नखरों को देखते हुए पति ने तलाक के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लिहाजा गौहाटी हाई कोर्ट ने तलाक के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर कोई हिंदू महिला विवाहित है और वह सिंदूर और चूड़ी पहनने से मना करती है तो इसका अर्थ साफ है कि उसे शादी मंजूर नहीं है। लिहाजा पीड़ित को तलाक दे दिया जाए।

हाईकोर्ट में बड़ा दिलचस्प मामला सामने आया था। जिसमें पति पत्नी से तलाक चाहता था। लेकिन पत्नी सिंदूर लगाने और चूड़ी पहनने से मना करती थी। लेकिन हाई के मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा और जस्टिस सौमित्र सैकिया की दो सदस्यीय खंडपीठ ने इस पर पारिवारिक अदालत के फैसले को पलट दिया और तलाक को मंजूर कर दिया।  जबकि पारिवारिक अदालत ने पति को तलाक नहीं दिया। असल में पारिवारिक कोर्ट ने यह कहते हुए पति को तलाक नहीं दिया कि पत्नी का चूड़ी और सिंदूर नहीं पहनना उसके साथ अत्याचार नहीं है। वहीं हाईकोर्ट ने कहा कि सभी परिस्थितियों में अगर पति को तलाक नहीं मिला और उसे पत्नी के साथ रहने को मजबूर किया जाए तो यह उसका उत्पीड़न होगा। 

कोर्ट ने कहा कि पत्नी अगर साखा चूड़ी और सिंदूर नहीं लगाना चाहती है और वह  कुंवारी दिखाना चाहती है तो इसका अर्थ  साफ है उसे शादी मंजूर नहीं है। पत्नी का इस तरह का व्यवहार यह जताता है कि वह अपने विवाह को जारी रखना नहीं चाहती है। असल में पारिवारिक अदालत ने पति की याचिका पर तलाक की मंजूरी नहीं देने के बाद पति ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी और उसे हाईकोर्ट में न्याय मिला था।
 

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