लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी मायावती, जानें क्या है रणनीति

By Team MyNation  |  First Published Mar 16, 2019, 1:15 PM IST

उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन में सीटों का बंटवारा होने के बाद चर्चा है कि बसपा प्रमुख मायावती लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए वह सिर्फ प्रचार करेंगी।

उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन में सीटों का बंटवारा होने के बाद चर्चा है कि बसपा प्रमुख मायावती लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए वह सिर्फ प्रचार करेंगी। असल में इसकी ये वजह बतायी जा रही है कि लोकसभा चुनाव के बाद उत्पन्न होने वाली राजनैतिक स्थितियों के बाद ही वह फैसला करेंगी।

राज्य में सपा और बसपा के 37 और 38 सीटों का बंटवारा हो गया है। सपा ने अपने अधिकांश प्रत्याशी उतार दिए हैं। जबकि बसपा ने लोकसभा प्रभारी घोषित किए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि जिन नेताओं को प्रत्याशी घोषित किया गया है उन्हें पार्टी टिकट देगी। लेकिन दिलचस्प ये ही कि मायावती जिन सीटों से पहले लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, उन सीटों पर बसपा ने प्रभारी घोषित कर दिए हैं। लिहाजा राज्य में इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि बसपा प्रमुख चुनाव नहीं लड़ेगी। बल्कि राज्य में लोकसभा चुनाव के बाद उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों के बाद ही कोई फैसला लेंगी। बसपा ने नगीना से गिरीश चंद्र जाटव व अंबेडकरनगर से पवन पांडेय चुनाव को प्रभारी नियुक्त किया है। ऐसे में इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कम ही है।

इसके साथ ही मायावती ने बुलंदशहर के लिए भी प्रभारी का नाम तय कर दिया है। लिहाजा ये कहा जा रहा है कि मायावती समाजवादी पार्टी और बसपा उम्मीदवारों के लिए देश भर में प्रचार करेंगी। वह अखिलेश यादव और चौधरी अजीत सिंह के साथ वे साझा चुनावी सभायें भी करेंगी हालांकि दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन के बाद ये कयास लगने शुरू हो गये थे कि मायावती के लिए अंबेडकरनगर या फिर बिजनौर से चुनाव लड़ सकती हैं। ये भी कहा जा रहा है कि मायावती ने अपने विश्वस्त नेताओं को ये बताया दिया है कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि पार्टी के प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगी।

मायावती अभी किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं। और 2020 नवबंर तक राज्यसभा की सीटें भी खाली नहीं हो रही हैं। ऐसे में मायावती की रणनीति चुनाव के बाद उभरने वाली स्थितियों पर निर्भर करेगी। पिछले साल उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन सपा और बसपा के पास संख्या बल न होने के कारण मायावती को राज्यसभा में नहीं भेजा सका। उस वक्त सपा ने जया बच्चन को राज्यसभा में भेजा था। जानकारी के मुताबिक यूपी में ही मायावती की तैयारी 39 चुनावी सभायें करेंगी।

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