जीतने के लिए अपने धुर विरोधी पीएम मोदी के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर हुए राहुल गांधी

By Team MyNation  |  First Published Mar 16, 2019, 12:18 PM IST

लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनैतिक दलों ने तैयारियां कर दी हैं। कांग्रेस जहां कई राज्यों में गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही हैं वहीं भाजपा भी कई राज्यों में गठबंधन कर चुकी है। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी सीट को सुरक्षित करने के लिए अब पीएम मोदी के फार्मूले को अख्तियार करने की योजना बना रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनैतिक दलों ने तैयारियां कर दी हैं। कांग्रेस जहां कई राज्यों में गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही हैं वहीं भाजपा भी कई राज्यों में गठबंधन कर चुकी है। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी सीट को सुरक्षित करने के लिए अब पीएम मोदी के फार्मूले को अख्तियार करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि अभी तक कांग्रेस ने इस पर घोषणा नहीं की है। लेकिन इस बात की संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस राहुल गांधी को दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा सकती है।

असल में राहुल गांधी के लिए अमेठी की राह इस बार आसान नहीं है। राज्य में कांग्रेस का अभी किसी से गठबंधन नहीं हुआ है। वहीं सपा बसपा भी अमेठी में लोकसभा प्रत्याशी उतार सकती है। लिहाजा अब कांग्रेस के रणनीति इस बात पर जो रहे हैं कि राहुल गांधी अमेठी के साथ ही कर्नाटक से भी चुनाव लड़े। क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में चुनाव जीतना आसान है।

हालांकि इससे पहले राहुल की मां सोनिया गांधी और दादी इंदिरा गांधी भी कर्नाटक से चुनाव लड़ चुकी हैं। कांग्रेस कर्नाटक को अपने लिए शुभ मानती है। ऐसी चर्चा है कि पीएम मोदी भी इस बार दो लोकसभा सीटों से फिर से चुनाव लड़ सकते हैं। मोदी के बनारस और बड़ोदरा से चुनाव लड़ने की चर्चा है।

जानकारी के मुताबिक 1978 में इंदिरा गांधी ने चिकमंगलूर से और 1999 में सोनिया गांधी बेल्लारी से चुनाव लड़ा था और इन दोनों नेताओं ने यहां पर जीत दर्ज की थी। हालांकि अभी तक कांग्रेस की तरफ से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। लेकिन पार्टी के नेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनाव के बाद पैदा होने वाली किसी भी स्थिति के लिए राहुल गांधी को सांसद बनना जरूरी है।

हालांकि राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी रायबरेली और अमेठी सीटों पर फोकस बनाए हुए हैं। लेकिन इस बार अमेठी और रायबरेली में मुकाबला दिलचस्प होगा। पिछली बार राहुल गांधी और भाजपा की प्रत्याशी स्मृति ईरानी के बीच जीत का अंतर काफी कम था।

click me!