कांग्रेस सूत्रों में लगातार गरम हुई चर्चाओं के बीच कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए महाराष्ट्र के दलित नेता सुशील कुमार शिंदे का नाम सबसे आगे चल रहा है। बताया जा रहा है कि गांधी परिवार ने शिंदे के नाम पर मुहर लगा दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी शिंदे को यह दायित्व सौंपने की सिफारिश की है।
नई दिल्ली: एंटनी, वेणुगोपाल, गहलोत और अब सुशील कुमार शिंदे पर कांग्रेस के अगले अध्यक्ष पद की तलाश खत्म होती हुई नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि गांधी परिवार ने अगले कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पुराने वफादार शिंदे का चुनाव कर लिया है।
हालांकि बताया जा रहा है कि अभी शिंदे के नाम की औपचारिक रुप से घोषणा होने में थोड़ा समय लग सकता है। क्योंकि गांधी परिवार के वफादार कई कांग्रेसी पार्टी अध्यक्ष पद पर किसी और के नाम को आगे बढ़ाए जाते हुए देख नहीं पाएंगे।
हाल ही में कांग्रेस दफ्तर में 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद लगभग 140 इस्तीफे दिए जा चुके हैं। यह सभी इस्तीफे राहुल गांधी पर अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए दबाव बनाने की रणनीति के तहत दिए जा रहे हैं। सभी 140 इस्तीफा देने वालों की मांग है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर बने रहें।
लेकिन गांधी परिवार ने शायद तय कर लिया है कि वह इस बार प्रचलित मान्यताओं को तोड़कर कांग्रेस अध्यक्ष पद परिवार से इतर किसी और को दे दिया जाए।
एक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गांधी परिवार ने ही इस पद के लिए मौजूद विकल्पों में सबसे उपयुक्त नेता को चुन लिया है, जो कि सुशील कुमार शिंदे हैं।
सुशील कुमार शिंदे यूपीए सरकार के दौरान देश के गृहमंत्री जैसे अहम पद पर काम कर चुके हैं। उन्हें इस फैसले के बारे में बताया जा चुका है। जल्दी ही राहुल गांधी उनके साथ मुलाकात करने वाले हैं।
सुशील कुमार शिंदे महाराष्ट्र से आते हैं। उनकी गिनती कांग्रेस के बड़े दलित नेताओं में होती हैं। वह पहले पुलिस कांस्टेबल थे। शिंदे के नाम की पर मुहर लगाने के बाद गांधी परिवार उन्हें सारा दायित्व सौंप देगा।
इसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा छुट्टी मनाने विदेश चली जाएंगी।
शिंदे पुराने कांग्रेसी हैं और गांधी परिवार के हमेशा से वफादार रहे हैं। उन्होंने परिवार का हर फैसला आंख मूंदकर स्वीकार किया है। यही वजह है कि गांधी खानदान ने कांग्रेस अध्यक्ष जैसे अहम पद के लिए उनपर भरोसा जताने का फैसला किया है।
इसके अलावा शिंदे महाराष्ट्र से आते हैं, जहां पर हाल ही में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में शिंदे की भूमिका वहां बेहद अहम हो सकती है। शिंदे के बेहद मधुर संबंध कांग्रेस की पुरानी सहयोगी पार्टी शरद पवार की एनसीपी के साथ भी हैं। दोनों की जुगलबंदी विधानसभा चुनाव में काम आ सकती है।
इसके अलावा सुशील कुमार शिंदे कांग्रेस पार्टी की पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी दोनों के बीच समान रुप से लोकप्रिय हैं। उनकी इन्ही खूबियों की वजह से शायद गांधी परिवार ने उन्हें पार्टी की कमान सौंपने का फैसला किया है।