आकाश एयर डिफेंस सिस्टम: ब्रह्मोस की राह पर...ब्राजील खरीदने को तैयार, रक्षा क्षेत्र  में बढ़ रही भारत की धाक

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jul 2, 2024, 6:07 PM IST

रक्षा क्षेत्र में भारत एक कदम और आगे बढ़ने को तैयार है। हाल ही में फिलीपींस ने स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल को अपने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात किया है। अब ब्राजील सेना की पसंद स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम बना है।

नयी दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में भारत एक कदम और आगे बढ़ने को तैयार है। हाल ही में फिलीपींस ने स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल को अपने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात किया है। अब ब्राजील सेना की पसंद स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम बना है। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राजील सरकार जल्द ही भारत सरकार से एक समझौते के तहत यह एयर डिफेंस​ सिस्टम खरीद सकती है। 

ब्राजील को काफी समय से थी त​लाश

ब्राजील को काफी समय से ऐसे एयर डिफेंस सिस्टम की तलाश थी, जो मध्यम से लेकर उच्च ऊंचाई वाले एरिया को कवर कर सके। इस​ सिलसिले में ब्राजील सरकार की तरफ से बीते 21 जून को एक अध्यादेश भी जारी किया गया था। उसे ब्राजील के डिफेंस सेक्टर में अचरज से देखा गया, क्योंकि अब तक स्थानीय स्तर पर यह माना जा रहा था कि सिर्फ वहां की वायु सेना ही उच्च-ऊंचाई वाले एयर डिफेंस सिस्टम और सेना छोटी और मध्यम-दूरी वाले एयर डिफेंस सिस्टम को आपरेट करेगी।

इनको सौंपी गई जिम्मेदारी

बहरहाल, अध्यादेश के मुताबिक, स्टडी के लिए प्रतिनिधि के तौर पर प्रमुख लोगों को शामिल भी किया गया है। उनमें आर्मी जनरल स्टाफ, भूमि संचालन कमांड, लॉजिस्टिक कमांड, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, सेना का शिक्षा और संस्कृति विभाग, इंजीनियरिंग और निर्माण विभाग और दक्षिणपूर्व सैन्य कमान शामिल है। सेना के जनरल स्टाफ को 90 दिन के अंदर स्टडी रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाना तय किया गया है।

फरवरी 2024 में मांगा था कोटेशन

नवंबर 2023 में, ब्राजील की सेना ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उपलब्ध मध्यम-ऊंचाई वाली वायु रक्षा प्रणालियों की कीमतों पर शोध करने के लिए कोटेशन की मांग की थी। फरवरी 2024 में, अतिरिक्त जानकारी जुटाने के लिए दूसरा रिक्वेस्ट फॉर कोटेशन प्रकाशित किया गया था। जनरल टॉमस मिगुएल पाइवा ने कमेटी ऑन फॉरेन रिलेशन्स एंड नेशनल डिफेंस में अपनी प्रारंभिक प्रस्तुति में कहा था कि सुरक्षा के लिए परिष्कृत तकनीकों का अभाव है। उनका कहना था कि वह सरकार से आकाश एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल के समझौत का सुझाव दे सकते हैं।

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