रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा से पहले भारत की आर्थिक शक्ति और वैश्विक नेतृत्व की सराहना की। जानें कैसे पुतिन की टिप्पणियाँ पड़ोसी देशों के लिए जलन का कारण बन सकती हैं।
Brics Summit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत के प्रति प्रेम एक बार फिर दिखा। पीएम नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा से पहले, पुतिन ने भारत की इकोनॉमिक पॉवर और ग्लोबल लीडरशिप की जमकर तारीफ की। पुतिन ने कहा कि भारत के पास दुनियाभर के मसलों को हल करने की कैपेसिटी है और वह इंटरनेशनल लेवल पर एक मजबूत स्थिति रखता है। उन्होंने यह भी बताया कि रूस में बॉलीवुड फिल्में कहीं और की फिल्मों से ज्यादा देखी जाती हैं, जिससे भारत और रूस के सांस्कृतिक संबंधों की भी झलक मिलती है।
22-23 अक्टूबर को BRICS सम्मेलन
रूस के कजान शहर में 22-23 अक्टूबर को BRICS सम्मेलन होने वाला है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई प्रमुख देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन उस समय हो रहा है, जब दुनिया में कई महत्वपूर्ण घटनाएं चल रही हैं, जिसमें मिडिल ईस्ट में हो रही जंग भी शामिल है। पुतिन ने BRICS और विश्व की राजनीतिक व्यवस्था पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि रूस दुनिया को फिर से आकार देने की कोशिश नहीं कर रहा है, बल्कि नए सत्ता केंद्रों का उभरना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसे अन्य देशों को भी समझना चाहिए।
BRICS का उद्देश्य पश्चिमी देशों का विरोध नहीं
इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर पुतिन ने रूस की स्थायी नीति की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि रूस ने हमेशा मध्य पूर्व संघर्ष में संयुक्त राष्ट्र के दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन किया है, और आज भी इसी पर कायम है। पुतिन ने कहा कि BRICS का उद्देश्य पश्चिमी देशों का विरोध नहीं करना है, बल्कि यह एक ऐसा संगठन है जिसमें पश्चिमी देश शामिल नहीं हैं। भारत का रुख भी BRICS को लेकर बिल्कुल यही है।
BRICS का 17 प्वाइंट एजेंडा पेश
पुतिन ने BRICS के विस्तार को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस विस्तार से संगठन की ताकत और प्रभाव बढ़ेगा, जिससे सभी सदस्य देशों को आर्थिक लाभ होगा। इस मौके पर पुतिन ने BRICS का 17 प्वाइंट एजेंडा भी पेश किया, जो इस संगठन की भविष्य की योजनाओं और उद्देश्यों को स्पष्ट करता है। पुतिन ने अपने बयान में अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह चीन के विकास को रोकने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने इसे सूर्य के उदय को रोकने जैसा बताया, जो एक असंभव प्रयास है। पुतिन के अनुसार, वैश्विक राजनीति में सत्ता के नए केंद्रों का उभरना स्वाभाविक है और इसे रोक पाना संभव नहीं है।
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