दैवीय आपदा-युद्ध में ड्रोन मरीजों तक ले जाएगा 200 बेड का अस्पताल, भारत की इस तरक्की से जल उठेंगे चीन-पाक

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published May 16, 2024, 9:42 PM IST

First indigenous portable hospital bhishma: भारतीय वायु सेना नित नये कीर्तिमान रच रही है। अब आगरा के मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में पोर्टेबल अस्पताल एयरड्रॉप किया गया। वाटरप्रूफ और बेहद हल्के हॉस्पिटल में करीबन 200 लोगों का इलाज किया जा सकता है।

First indigenous portable hospital bhishma: भारतीय वायु सेना नित नये कीर्तिमान रच रही है। अब आगरा के मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में पोर्टेबल अस्पताल एयरड्रॉप किया गया। वाटरप्रूफ और बेहद हल्के हॉस्पिटल में करीबन 200 लोगों का इलाज किया जा सकता है। देश के पहले स्वदेशी पोर्टेबल हॉस्टिपल की खासियत यह है कि इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है। चाहे वह दैवीय आपदा से पीड़ितों की मदद करना हो या फिर युद्ध में घायलों के इलाज का। भारत की यह तरक्की देखकर पाकिस्तान और चीन जल उठेंगे।

रक्षा, स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की संयुक्त टीम का काम

इसे बैटल फील्ड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर मेडिकल सर्विसेज (भीष्म) पोर्टेबल अस्पताल नाम दिया गया है। रक्षा, स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की संयुक्त टीम ने भीष्म प्रोजेक्ट डेवलप किया है। अस्पताल को जमीन पर उतारने के लिए दो पैराशूट का यूज किया गया, जो हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ADRDE) टीम ने डेवलप किया है। विमान से 1500 फीट से अधिक की दूरी पर से अस्पताल को एयरड्रॉप किया गया, जो महज 12 मिनट में बनकर तैयार हो गया। अस्पताल की एक खासियत यह भी है कि इसे जमीन, हवा और समुद्र में भी तैयार किया जा सकता है। 

भीष्‍म पोर्टेबल अस्तपाल की खास बातें

  • भीष्म पोर्टेबल हॉस्पिटल की लागत 1.50 करोड़ रुपये है।
  • 36 क्यूब्स में इसे रेडी किया गया।
  • वेंटीलेटर के अलावा आपरेशन थियेरटर, एक्स-रे और खून जांच की सुविधा भी उपलब्ध।
  • महज 8 मिनट में जांचें शुरू की जा सकती हैं।
  • फायर इंजरी, सिर, छाती, रीढ़ की हड्डी की चोटें, फ्रैक्चर और अन्य रक्तस्राव का इलाज संभव।
  • क्यूआर कोड युक्त दवाओं के बॉक्स एक्सपायरी डेट सहित।
  • आपदा में आम लोग भी बॉक्स से दवाएं और उपचार ले सकेंगे।
  • भीष्म पोर्टेबल अस्पताल में मास्टर क्यूब केज के 2 सेट बहुत मजबूत और हल्के होते हैं।
  • हर केज के 36 मिनी क्यूब को कई बार यूज किया जा सकता है।
  • पैकिंग ऐसी कि ​एयर ड्रॉप के बाद खुलने में दिक्कत नहीं।
  • श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में डाक्टरों की टीम के साथ लगाई गई थी भीष्म प्रोजेक्ट की यूनिट।
  • G-20 शिखर सम्मेलन में भी किया गया था प्रदर्शित।

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