इंडोनेशिया भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने जा रहा है। यह सौदा दोनों देशों के रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा। जानें ब्रह्मोस की विशेषताएं।
नई दिल्ली। भारत की ब्रह्मोस मिसाइलें अब ग्लोबल लेबल पर अपनी पहचान बना रही हैं। दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश, इंडोनेशिया, ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइलें खरीदने की इच्छा जताई है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत आएंगे। इस दौरान ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की संभावना है।
ब्रह्मोस मिसाइल खरीद के लिए समझौते कर चुके हैं ये देश
इससे पहले, फिलीपींस और वियतनाम जैसे देशों ने भी ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए भारत के साथ समझौते किए हैं। फिलीपींस को हाल ही में ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप सौंपी गई है, जिससे उसकी तटीय सुरक्षा मजबूत हुई है। भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग ग्लोबल लेबल पर डिफेंस सेक्टर में भारत की बढ़ती धमक का जीता-जागता सबूत है।
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत
ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषता यह है कि इसे जमीन, पानी या हवा कहीं से भी टारगेट को तबाह करने के लिए लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल 650 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित टारगेट को मिनटों में मिट्टी में मिलाने की क्षमता रखती है। इसकी तेज गति और उच्च मारक क्षमता इसे दुश्मन के लिए खतरनाक बनाती है।
दक्षिण पूर्व एशिया में पॉवर बैलेंस के लिए अहम
इंडोनेशिया के साथ इस संभावित समझौते से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और मजबूत होगा, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। दोनों देशों के बीच सहमति दक्षिण पूर्व एशिया में पॉवर बैलेंस के लिए अहम साबित हो सकता है। खास यह है कि इस बार इंडोनेशिया के 400 सैनिक भी रिपब्लिक डे परेड का हिस्सा होंगे। यह अपने आप में एक इतिहास है, क्योंकि आज तक किसी मेहमान देश के सैनिक इतनी बड़ी संख्या में भारत के रिपब्लिक डे परेड में शामिल नहीं हुए हैं।
रक्षा मंत्री रहते भी ब्रह्मोस में दिखाई थी रूचि
आपको बता दें कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो पहले भी भारत यात्रा पर आए थे। तब वह इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री थे। उस समय भी उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइलों में रूचि दिखाई थी। पर बजट की कमी की वजह से उस समय यह डील टाल दी गई थी। अब वह खुद देश के राष्ट्रपति हैं और उनकी प्राथमिकता जनता के कल्याणकारी कार्यों को पूरा करने की है।
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