India GDP Growth: दुनिया में सबसे तेज...बुलेट ट्रेन की स्पीड से बढ़ रही भारत की इकोनॉमी, 8.2 फीसदी की रफ्तार

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Jun 1, 2024, 3:59 PM IST
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India GDP Growth: भारत की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर ने एक बार फिर चौंका दिया है। फाइनेंशियल ईयर 2024 की आखिरी​ तिमाही में देश की जीडीपी में 7.8 फीसदी की दर से बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

India GDP Growth: भारत की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर ने एक बार फिर चौंका दिया है। फाइनेंशियल ईयर 2024 की आखिरी​ तिमाही में देश की जीडीपी में 7.8 फीसदी की दर से बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। एक साल पहले जीडीपी की रफ्तार 6.2 प्रतिशत थी। हालांकि अक्टूबर—दिसंबर, 2023 की अपेक्षा मार्च तिमाही वृद्धि दर में कमी आई। दिसंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था में वृद्धि की दर 8.6 फीसदी थी। देखा जाए तो भारत की अपेक्षा चीन की आर्थिक वृद्धि दर काफी कम है। जनवरी-मार्च तिमाही में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 

2023-24 में 8.2 फीसदी रही इकोनॉमी की वृद्धि दर

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में देश की इकोनॉमी की वृद्वि दर 7 प्रतिशत थी, जो 2023-24 में 8.2 फीसदी रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीडीपी के आंकड़ों को लेकर 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा है कि यह तो बस ट्रेलर है। उन्होंने देश के मेहनती लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई इकोनॉमी में भारत है। 

8 प्रमुख कोर सेक्टर के आंकड़ों में सुधार

भारत के कोर सेक्टर के आठ प्रमुख क्षेत्रों के आंकड़ों में भी सुधार हुआ है। अप्रैल महीने में उनमें 6.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। पॉवर और स्टील प्रोडक्शन में ग्रोथ की वजह इसका कारण माना जा रहा है। जैसे इस महीने में पॉवर प्रोडक्शन 9.4 फीसदी और कोल प्रोडक्शन 8.7 प्रतिशत रहा। 

ये हैं भारत के 8 प्रमुख कोर सेक्टर

भारत के 8 प्रमुख कोर सेक्टर में तेल, प्राकृतिक गैस, स्टील, सीमेंट, कोयला, बिजली, रिफाइनरी प्रोडक्ट और उर्वरक शामिल हैं। इन कोर सेक्टर में बेहतर काम हुआ है। उसका असर दिख भी रहा है। सालाना आधार पर देखा जाए तो मार्च में स्टील प्रोडक्शन में 7.1 प्रतिशत वृद्धि रही। इसके उलट सिर्फ महीने भर पहले ही इसमें 6.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। इसी तरह नेचुरल गैस प्रोडक्शन में अप्रैल महीने में 8.6 फीसदी की वृद्धि रही। उसके पिछले महीने यही वृद्धि 6.3 प्रतिशत रही।

शेयर बाजार में तेजी

भारत की इकोनॉमी के आंकड़ों का असर यह हुआ कि शेयर बाजार ने भी स्पीड पकड़ ली। पिछले पांच दिनों से स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी था, जो शुक्रवार को थमा। 

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