मुकेश अंबानी के डीपफेक वीडियो में मुंबई के डॉक्टर को 7 लाख रुपये के स्कैम में फंसाया- जाने ये कैसे आया सामने?

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Jun 21, 2024, 1:21 PM IST

महाराष्ट्र के मुंबई अंधेरी का एक 54 वर्षीय आयुर्वेद डॉक्टर शेयर ट्रेडिंग घोटाले का लेटेस्ट विक्टिम बन गया है और इस फॉड प्रॉसेस में उसे 7 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इस स्कैम में देश के नंबर वन बिजिनेसमैन मुकेश अंबानी का एक डीपफेक वीडियो शामिल था।

मुंबई। महाराष्ट्र के मुंबई अंधेरी का एक 54 वर्षीय आयुर्वेद डॉक्टर शेयर ट्रेडिंग घोटाले का लेटेस्ट विक्टिम बन गया है और इस फॉड प्रॉसेस में उसे 7 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इस स्कैम में देश के नंबर वन बिजिनेसमैन मुकेश अंबानी का एक डीपफेक वीडियो शामिल था। स्कैमर्स ने मुकेश अंबानी समेत अन्य वीडियो की एक इंस्टाग्राम रील के माध्यम से डॉक्टर को निशाना बनाया, जिसमें 'राजीव शर्मा ट्रेड ग्रुप और इसकी BSF इन्वेस्टमेंट एकेडमी नामक कंपनी के माध्यम से आकर्षक रिटर्न का प्रॉमिश किया गया था।

मुंबई के डाक्टर ने मुकेश अंबानी के डीपफेंक वीडियो पर जताया भरोसा
मुंबई के रहने वाले आयुर्वेदिक डाक्टर डॉ. पाटिल ने इंस्टाग्राम पर फेंक वीडियो का सामना करने का जिक्र किया, जो शुरू में मुकेश अंबानी के वैध समर्थन से प्रभावित था। ऑनलाइन शोध करने के बावजूद, जिसने कंपनी के अस्तित्व को प्रमाणित किया, जिसके कथित तौर पर बीकेसी और लंदन में कार्यालय होने का दावा किया गया था, डॉ. पाटिल को विस्तृत चाल में फंसाया गया।

16 बैंक एकाउंट से ट्रांसफर कर लिए गए 7 लाख रुपए
यह स्कैम 28 मई से 10 जून के बीच सामने आया। इस दौरान डॉक्टर ने 16 अलग-अलग बैंक खातों में कुल 7.1 लाख रुपये ट्रांसफर किए। शुरुआत में पर्याप्त मुनाफ़े के वादे से लुभाए गए और अंबानी के प्रतीत होने वाले प्रामाणिक समर्थन से प्रभावित होकर, डॉ. पाटिल धोखाधड़ी योजना का शिकार हो गए। अलार्म तब बजा जब डॉ. पाटिल ने ट्रेडिंग वेबसाइट पर दिखाए गए कथित 30 लाख रुपये के लाभ को वापस लेने का प्रयास किया, तभी घोटाले की वास्तविकता का पता चला।

ओशिवारा थाने में दर्ज कराई FIR
इसके बाद ओशिवारा पुलिस ने एक अननोन व्यक्ति के खिलाफ IPC की धाराओं के तहत प्रतिरूपण, धोखाधड़ी और IT एक्ट के तहत पहचान की चोरी के आरोपों का हवाला देते हुए FIR दर्ज की। यह पता चला है कि स्कैमर्स ने अपने घोटाले को विश्वसनीय दिखाने के लिए वीडियो बनाने के लिए डीपफेक टेक्नाेलॉजी का इस्तेमाल किया। जवाब में पुलिस अवैध रूप से ट्रांसफर धन का पता लगाने और उसे रोकने के लिए बैंकों के नोडल अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है।

 


ये भी पढ़ें...
जिस ऐप को लेकर बैंकों ने दी थी चेतावनी -बैंक मैनेजर को उसी से लग गई 11 लाख की चपत- बचने के ये हैं 5 उपाय

click me!