Nt Ramarao Story In Hindi: चुनाव के मौसम में नेता क्या कुछ नहीं करते कोई गली-गली जाकर वोट मांगता है तो कोई साथ में बैठकर खाना खाता है लेकिन आज आपको एक ऐसे नेता की कहानी बताने जा रहे है जिसे प्रधानमंत्री बनने के लिए ज्योतिषी के कहने पर महिलाओं के कपड़े पहनना शुरू कर दिए थे।
यूटिलिटी डेस्क। देश में चुनाव का मौसम चल रहा है नेताओं के भी रंग-बिरंगे रूप देखने को मिल रहे हैं। कोई अजीबोगरीब बयान दे रहा है तो कोई जीत की दहाड़ भर रहा है। आज आपको एक ऐसे ही नेता के बारे में बताने वाले हैं जो कभी अपने राज्य के मुख्यमंत्री थे, इतना ही नहीं जनता उन्हें देवता के स्वरूप मानती थी। जब 90 के दशक में कांग्रेस की हालत खराब होने लगी तो वह विपक्ष के दम पर प्रधानमंत्री का सपना देखने लगे। यहां तक इसके लिए उन्होंने ज्योतिषी के बताए उपाय शुरू किये और रात में रोज महिलाओं के कपड़े और साड़ियां पहन कर सोने लगे।
यह नेता और कोई नहीं बल्कि एन टी रामा राव (NT Rama Rao)थे जो कभी तेलुगू फिल्मों के सुपरस्टार थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश की राजनीति में भी छाप छोड़ी। एनटी रामा राव ने तेलुगू देसम राजनीतिक पार्टी बनाई थी,जिसने 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भी आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को जीतने नहीं दिया और अपनी सरकार बनाई। NTR साउथ के बड़े नेताओं में शामिल थे।
आंध्र प्रदेश में जन्में एनटी रामा राव किसान फैमिली से ताल्लुक रखते थे हालांकि उनका पालन पोषण उनके मामा ने किया। NTR को शुरू से एक्टिंग पसंद थी। 1949 में एनटी की पहली फिल्म रिलीज हुई उन्होंने ज्यादातर धर्म वाली फिल्मों पर काम किया। यहां तक एनटीआर ने 18 से ज्यादा फिल्मों में कृष्ण का किरदार निभाया।
न्यूज़ 18 के मुताबिक जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने हिंदी राष्ट्रीय अखबार में एक लेख में इस बात का जिक्र किया कि एंटी रामा राव ने प्रधानमंत्री बनने के लिए ज्योतिषी के कहने पर अजीबोगरीब कार्य करने लगे थे। वह आगे लिखते हैं कि पीएम बनने की चाह में रामा राव रात में स्त्री वस्त्र धारण करने लगे थे। यह उन्हें किसी ज्योतिषी ने बताया था। इतना ही नहीं हिंदी भाषा सीखने के लिए उन्हें दो शिक्षक भी आते थे जो उनके हैदराबाद के आवास पर रहते थे।
1984 में जब देश भर में इंदिरा गांधी के बाद कांग्रेस की लहर थी तो आंध्र प्रदेश इकलौता राज्य था जहां कांग्रेस जीत नहीं पाई। इसका श्रेय भी एनटी रामा राव को दिया जाता है। 1984 के बाद तेलुगू देशम पार्टी लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल बनकर उभरा हालांकि 1989 में सत्ता विरोधी लहर के कारण तेलुगू देशम पार्टी को चुनाव में हर का सामना करना पड़ा। और कांग्रेस ने सरकार बनाई लेकिन एनटी रामा राव ने हार नहीं मानी और 1994 में वह फिर सत्ता में लौटे और इस बार उनकी पार्टी ने 226 सीटों पर जीत दर्ज की हालांकि उनकी यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकीं और 9 महीने के अंदर वह मुख्यमंत्री पद से हट गए बताया जाता है पार्टी के अंदर हुई फूट के कारण उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा।
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