हिमाचल प्रदेश में हाल की बाढ़ और भूस्खलन से 114 सड़कें बंद हो गई हैं। मौसम विभाग ने 7 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। बारिश और बादल फटने से हुए नुकसान, बंद सड़कों की जानकारी और राहत कार्यों के बारे में जानें।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस आपदा से राज्य की 114 सड़कें बंद हो गई हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि 7 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
इन जिलों की सड़कें बंद, 82 मार्गों पर बस सेवा सस्पेंड
हिमाचल प्रदेश की बंद सड़कों में 36 मंडी, 34 कुल्लू, 27 शिमला, 8 लाहौल और स्पीति, 7 कांगड़ा और 2 किन्नौर जिले की हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने यह जानकारी दी है। मौसम की मार को देखते हुए हिमाचल सड़क परिवहन निगम भी एक्शन में आया और 82 मार्गों पर बस सेवा को सस्पेंड करने का निर्णय लिया है। हालांकि इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
45 लोगों की तलाश में 410 बचावकर्मी
प्रदेश में बादल फटने के बाद 45 लोग लापता हैं। ड्रोन के जरिए उनकी तलाश की जा रही है। सेना, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और प्रदेश के पुलिस और होमगार्ड जवानों के अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगी हैं। इस अभियान में कुल 410 बचावकर्मी शामिल हैं।
7 अगस्त तक भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने 7 अगस्त तक भारी बारिश की संभावना जताई है। "येलो" अलर्ट जारी किया है। आंकड़ों के अनुसार, 27 जून से 1 अगस्त के बीच भारी बारिश हुई। उसमें 77 लोगों की मौत के अलावा 655 करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना है। शिमला के रामपुर उपखंड में 31 जुलाई की रात को एक और हादसा हुआ था। उसमें 8 लोगों की जान गई थी। कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना में अब भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, वहां बादल फटा था।
जोगिंदरनगर में सबसे ज्यादा बारिश
हाल की बारिश के दौरान जोगिंदरनगर में 85 मिमी, गोहर में 80 मिमी, शिलारू में 76.4 मिमी और पोंटा साहिब में 67.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा पालमपुर में 57.2 मिमी, धर्मशाला में 56.2 मिमी और चोपाल में 52 मिमी बारिश दर्ज हुई।