बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बाद भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बाहर यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है। जानें पूरी बात।
नयी दिल्ली। बांग्लादेश के प्रमुख शहरों में सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन यानी आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। अब तक 6 लोगों के मौत की खबर है। बढ़ती हिंसा को देखते हुए ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश में रह रहे अपने नागिरकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। उसमें घर से बाहर निकलने से बचने और आवाजाही कम करने की सलाह दी गई है। भारतीय नागरिकों की हेल्प के लिए 24 घंटे एक्टिव रहने वाले कुछ हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
एडवाइजरी में दी गई है ये सलाह
भारतीय उच्चायोग की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि बांग्लादेश के ताजा हालातों को देखते हुए, भारतीय समुदाय और बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय छात्रों को ट्रैवल से बचने की सलाह दी जाती है। लोगों से जब तक जरूरी ना हो, तब तक अपने घर के अंदर ही रहने को कहा गया है। किसी भी तरह की जरूरत महसूस होने पर उच्चायोग और सहायक उच्चायोग से सम्पर्क करें।
बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा?
बांग्लादेश में गवर्नमेंट जॉब्स में रिजर्वेशन को लेकर स्टूडेंट्स असंतुष्ट हैं। नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। सड़कों पर हजारों छात्रों का सैलाब उमड़ पड़ा है, जो आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे हैं। यह प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले चुका है।
स्कूल-कॉलेज और मदरसे बंद
जानकारी के अनुसार, हिंसक प्रदर्शन के दौरान स्टूडेंट्स की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल बताए जा रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि ढाका समेत बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों के स्कूल-कॉलेज और मदरसे बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
राजमार्ग और रेलमार्गों का चक्का जाम
बांग्लादेश में प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने चार महत्वपूर्ण शहरों के राजमार्ग और रेलमार्गों पर चक्का जाम कर दिया। उन शहरों में मध्य ढाका, उत्तर पश्चिम राजशाही, दक्षिण पश्चिम खुलना और चट्टोग्राम शामिल हैं। देश में चल रहे विरोध प्रदर्शन में ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने अग्रणी भूमिका निभाई है। प्रथम और द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर यह प्रदर्शन करीबन एक सप्ताह से चल रहा है।
छात्रों की क्या है मांग?
छात्र मौजूदा आरक्षण प्रणाली में सुधार करते हुए प्रतिभा के आधार पर सीटें भरने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह सोमवार को ढाका और बाहरी इलाकों की 2 यूनिवर्सिटी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, तभी उन पर सत्ताधारी दल के छात्र कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया।
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