महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को सही दिशा दिखाने के लिए मेला क्षेत्र में 800 साइनेजेस लगाए जा रहे हैं। हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में उपलब्ध ये साइनेज महाकुंभ को सुगम और यादगार बनाएंगे।
महाकुम्भनगर: महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने आएंगे। आयोजन को सफल बनाने के लिए मेला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। मेला क्षेत्र में श्रद्धालु भटके मत, इसलिए 800 साइनेजेस लगाए जा रहे हैं, जो घाट, आश्रम, और प्रमुख स्थलों तक के रास्तों की जानकारी देंगे। ये साइनेज कई लैंग्वेज में उपलब्ध रहेंगे, जो महाकुंभ 2025 को यादगार बनाएंगे। आइए, जानते हैं इन विशेष तैयारियों के बारे में।
400 से अधिक साइनेजेस पहले ही लग चुके
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, मेला क्षेत्र में 400 से अधिक साइनेजेस पहले ही लग चुके हैं, और 31 दिसंबर तक शेष सभी साइनेजेस का काम पूरा हो जाएगा। प्रयागराज का पीडब्ल्यूडी विभाग युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। विभाग डेली 100 साइनेजेस लगाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है। यह तय किया जा रहा है कि महाकुंभ शुरू होने से पहले पूरे क्षेत्र में साइनेजेस का नेटवर्क बनकर तैयार हो जाए।
भाषायी समस्या का भी ध्यान
महाकुंभ में भारत के कई राज्यों और कई देशों से श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए, साइनेजेस को विभिन्न भाषाओं में तैयार किया गया है। सभी साइनेजेस पर हिंदी और अंग्रेजी लैंग्वेज अनिवार्य रूप से शामिल है। इनमें प्रमुख राज्यों जैसे तमिल, बंगाली, गुजराती और मराठी आदि की भाषाओं को भी जोड़ा गया है। विदेशी श्रद्धालुओं का भी ध्यान रखा गया है। ताकि श्रद्धालुओं को घाट या आश्रम तक पहुंचने में दिक्कत न हो।
28 पांटून ब्रिज तैयार
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र में 28 पांटून ब्रिज बनाए गए हैं। इनमें से अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है और सभी ब्रिज जल्द ही एक्टिव हो जाएंगे। अभी 2 ब्रिज पर थोड़ा काम बाकी है, जिसे 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। ताकि श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
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