योगी सरकार के ए-हेल्प कार्यक्रम से प्रदेश में दुग्ध प्रोडक्शन और ग्रामीण किसानों की आय में वृद्धि हुई है। 25 जिलों में 2 हजार पशु सखियों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उनकी वार्षिक आय में 60 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी होगी।
लखनऊ। UP की योगी गर्वनमेंट प्रदेश को नंबर वन दुग्ध प्रोडक्शन को नंबर वन बनाए रखने में लगातार प्रयासरत है। इसके लिए पशुपालन करने वाले लोगों की इनकम को दोगुना करने की कोशश की जा रही है। इसी कोशिश के तहत योगी गर्वनमेंट अगले महीने अगस्त से एक खास प्रोग्राम शुरू करने जा रही है। जिसका नाम A- हेल्प प्रोग्राम है। अगस्त 2024 के पहले ही हफ्ते पायलट प्रोजेक्ट तहत लांच करने की तैयारी है। इस प्रोग्राम के प्रथम चरण में प्रदेश के 25 डिस्ट्रिक के 50 ब्लॉक को चुना गया है, जहां सफल क्रियान्वयन के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की सकीम है।
स्पेशल ट्रेनिंग देकर तैयार की जाएंगी 10,000 पशु सखियां
इस स्कीम के तहत गर्वनमेंट गांवों में समूह सखियों की तर्ज पर पशु सखियां बनाएगी, जिन्हें बकायदा ट्रेनिंग देकर के पशुपालन, दुग्ध प्रोडक्शन के क्षेत्र में ट्रेंड किया जाएगा। इन पशु सखियों की इनकम का भी खास ख्याल रखा जाएगा। पहले चरण में 2000 और अगले 2 सालों में 10,000 पशु सखियों को ट्रेनिंग देकर दुग्ध प्रोडक्शन को और आगे बढ़ाने की योजना पर सरकार काम कर रही है।
ग्रामीणों के सोर्स ऑफ इनकम को बढ़ाने के लिए शुरू होगा A-हेल्प प्रोग्राम
स्टेट रूलर आजीविका मिशन की डायरेक्टर दीपा रंजन के मुताबिक योगी गर्वनमेंट का मकसद गांवों में रहने वाले लोगों की सोर्स ऑफ इनकम को डबल करना है। इसके लिए सरकार तरह-तरह के प्रोग्राम चला रही है। इसी कड़ी में दुग्ध प्रोडक्शन को भी प्रोत्साहित करने के लिए A-हेल्प प्रोग्राम की शुरूआत अगस्त महीने से की जा रही है। जिसका ऑपरेशन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और पशुपालन विभाग संयुक्त रूप से करेगा।
A-हेल्प प्रोग्राम के जरिए पशुपालकों को मिलेगी क्या मदद?
मिशन डायरेक्टर दीपा रंजन ने बताया कि A- हेल्प प्रोग्राम के तहत गर्वनमेंट पशु हॉस्पिटल्स के साथ क्वार्डिनेशन स्थापित करना है, ताकि ग्रामीणों को उनकी जरूरत के मुताबिक उनके पशुओं की बीमारियों जैसे एथनो-वेट प्रैक्टिसेस, पशु रोगों की रोकथाम, टाइम पर वैक्सिनेशन, कृमिनाशक दवाएं, आर्टिफीसियल गर्भाधान, पशु बीमा को ग्रामीणांचल के हर गांव में उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने बताया कि योगी आदित्यनाथ और उनकी कैबिनेट फाईनेंसियल ईयर 2024-25 में 2,000 पशु सखियों को A-हेल्प प्रोग्राम एजेंट के रूप में ट्रेनिंग देकर ट्रेंड करना है। इस स्कीम के तहत अगले 2 वर्षो में पूरे प्रदेश में 10,000 पशु सखी यानि A-हेल्प प्रोग्राम एजेंट ट्रेंड करना है।
A-हेल्प प्रोग्राम एजेंट का क्या है मकसद?
मिशन डायरेक्टर दीपा रंजन के मुताबिक A-हेल्प प्रोग्राम एजेंट की इनकम कैसे बढ़े, इस पर भी फोकस किया गया है। इस स्कीम के तहत हर पशु सखी की इनकम कम से कम 60,000 रुपए वार्षिक करना है। उन्होंने बताया कि जिन डिस्ट्रिक और ब्लाकों को इस प्रोग्राम के तहत कवर किया जाना है, वहां के मिशन स्टाफ को ट्रेंड किया जा चुका है। A-हेल्प प्रोग्राम एजेंट (पशु सखी) को स्किल और नॉलेज से लैस करने के लिए ट्रेनिंग प्लान तैयार किए गए हैं। ट्रेनिंग सेशल पूरा होने के बाद A-हेल्प प्रोग्राम का इंप्लायमेंटेसन शुरू हो जाएगा। उनका दावा है कि इस प्रोग्राम से पशु और पशुधन प्रोडक्शन के साथ स्वास्थ्य की देखभाल व्यवस्था में भी सुधार होगा। जिससे ग्रामीण इलाकों में पशुपालन को मैक्सिमम फाईनेंसियल बेनीफिट में भी मदद मिलेगी।
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