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यूरिक एसिड बढ़ने पर शरीर में गाउट, जोड़ों का दर्द, और किडनी प्रॉब्लम्स का खतरा बढ़ता है।
यह प्यूरीन के ब्रेकडाउन से बनने वाला केमिकल है, जो अगर कंट्रोल न हो तो जोड़ों में क्रिस्टल्स के रूप में जमा हो सकता है। इससे हाथ-पैरों में तेज दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है।
नाचनी (रागी) की रोटी खाएं। रागी के आटे में डाइटरी फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। यह शरीर को ठंड से बचाने और यूरिक एसिड को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
सर्दियों में लंच या डिनर के दौरान 1-2 रागी रोटियां खाएं।
गर्मियों में ज्वार की रोटी शरीर का तापमान संतुलित रखने में मदद करती है। यह बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन और यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में फायदेमंद है।
दोपहर या रात के भोजन के साथ 1-2 ज्वार की रोटियां शामिल करें।
एक्सपर्ट के मुताबिक, डाइट में ज्यादा से ज्यादा सब्जियां शामिल करें। रोजाना 2-3 लीटर पानी पीने की आदत डालें। लो-फाइबर डाइट और नॉन-वेजिटेरियन फूड्स से परहेज करें।
अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ जैसे रेड मीट। जंक फूड और एल्कोहल का सेवन। प्यूरीन-युक्त फूड्स जैसे दालें और पालक का सीमित सेवन करें।