Utility News
13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ 2025 शुरू हो चुका है. नागा साधुओं और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने संगम तट को पवित्र ऊर्जा से भर दिया है.
कड़ाके की ठंड में बिना कपड़ों के रहने वाले नागा साधु हर बार सभी का ध्यान खींचते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, उनकी शक्ति का राज क्या है?
नागा साधुओं का कहना है कि उनकी साधना में इतनी ताकत है कि ठंड का असर उन पर नहीं होता. तप और ध्यान उनके शरीर को मजबूत बनाते हैं.
साधु अपने शरीर पर भभूत (राख) लगाते हैं. उनका मानना है कि यह न केवल ठंड से बचाव करता है, बल्कि शरीर को रोगमुक्त भी रखता है.
एक नागा साधु ने कहा, "भगवान का भजन सबसे बड़ा वस्त्र है." उनका विश्वास और भक्ति उन्हें हर कठिनाई से बचाती है.
साधु 12-14 घंटे ध्यान और भजन में लीन रहते हैं. उनका कहना है कि यह तपस्या शरीर को गर्माहट और शक्ति प्रदान करती है.
13 जनवरी से अमृत स्नान शुरू हो चुका है. महाकुंभ में 26 फरवरी तक छह शाही स्नान होंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए खास महत्व रखते हैं.
महाकुंभ 2025 मेले के रोचक तथ्य: क्यों पूरी दुनिया इसे मानती है खास?
भारत नहीं, इस देश में पहले शुरू हुई पतंगबाजी
कौन हैं स्टीव जॉब्स की पत्नी के आध्यात्मिक गुरु? जानें खास बातें
तत्काल टिकट का नया शेड्यूल जारी, भारतीय रेलवे ने किए बड़े बदलाव