नई दिल्ली। इस साल बसंत पंचमी(Vasant Panchami) 29 जनवरी को पढ़ रही है। शास्त्रों की मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां सरस्वती का जन्मदिन होता है और इस उपलक्ष्य में लाखों सालों से इसे त्योहार के तौर पर मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन जो भी मन और विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा करता है, उसे जीवन में कभी भी ज्ञान की कमी नहीं रहती है।

देशभर में बसंत पंचमी(Vasant Panchami) 29 जनवरी को मनाई जाएगी। भारत से लेकर बांग्लादेश और नेपाल में बसंत पंचमी(Vasant Panchami) का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा विधि विधान से की जाती है। इसे मां सरस्वती का जन्मोत्सव भी कहा जाता है। बसंत पंचमी माघ महीने के शुक्ल पक्ष के दिन मनाई जााती है। इसे श्रीपंचमी भी कहा जाता है। शास्त्रों की मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था।

बसंत ऋतु(Vasant Panchami) के आगमन का पर्व बसंत पंचमी(Vasant Panchami)मनाई जाती है। भारत के साथ-साथ बांग्लादेश और नेपाल में भी इस त्योहार को मनाया जाता है। इस बार बसंत पंचमी(Vasant Panchami) 29 जनवरी 2020 को है। इस दिन सुबह 10.45 बजे से शुरू होगी औरअगले दिन यानी 30 जनवरी 2020 को 1 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। वहीं मां सरस्वती पूजा की पूजा के लिए उत्तम शुभ मुहूर्त 29 जनवरी सुबह 10.45 बजे से लेकर उसी दिन 12.45 बजे तक है।

कैसे करें पूजा

बसंत पंचमी(Vasant Panchami) के दिन मां सरस्वती की चित्र की स्थापना करनी चाहिए और मां सरस्वती को पीले, वसंती या सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके साथ ही मां का जाप करना चाहिए। पूजा पूरब या उत्तर की दिशा की तरफ मुंह कर करनी चाहिए। वहीं मां के लिए दीया भी प्रज्वलित करना चाहिए। अगर आप विधि विधान से पूजा कर रहे हैं तो मां सरस्वती का जाप जरूर करें। मां सरस्वती का मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः है। अगर आपके घर में हल्दी के माला है तो उससे जाप करना सर्वोत्तम होगा। पूजा करते वक्त एक विशेष ध्यान दें कि आप इस दिन पूजा में काले, नीले कपड़ों से परहेज करें।

पीले और सफेद फूल जरूर चढ़ाए

मां सरस्वती को इस दिन आप सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल जरूर चढ़ाएं। इन्हें दाएं हाथ से मां को अर्पित करें। वहीं रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री जरूर मां सरस्वती को चढ़ाएं।  वहीं बसंत पंचमी(Vasant Panchami) में खीर भी अर्पित की जा सकती है। बसंत पंचमी(Vasant Panchami)कामदेव और भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है।