Hypothyroidism: महिलाओं में थायराइड की समस्या बहुत आम हो गई है। हाइपोथॉयराडिज्म या फिर अंडरएक्टिव थायराइड की समस्या तब पैदा होती है जब थायराइड ग्लैंड से कम मात्रा में हॉर्मोन निकलता है। शरीर में थाइराइड हॉर्मोन कम होने से विभिन्न प्रकार के लक्षण दिखने लगते हैं। हाइपोथॉयराडिज्म की समस्या से न सिर्फ डायजेस्टिव समस्याएं होती हैं बल्कि मेंटल फंक्शन में भी बदलाव होता है। 

हाइपोथॉयराडिज्म के लक्षण

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में 8 गुना ज्यादा हाइपोथॉयराडिज्म की समस्या होती है। इस कारण से मेटाबॉलिज्म की गति धीमी हो जाती है। साथ ही सुबह के समय शरीर में विभिन्न प्रकार के लक्षण भी दिखते हैं। जानिए क्या होते हैं हाइपोथॉयराडिज्म के लक्षण।

1. सुबह थकान का एहसास

 थायराइड हॉर्मोन एनर्जी बैलेंस कंट्रोल करने का काम करता है।  जिन लोगों को हाइपोथॉयराडिज्म की समस्या होती है उन्हें सुबह उठते ही थकान का एहसास होता है। 

2. अचानक से ठंड लगना

हाइपोथॉयराडिज्म की समस्या के कारण शरीर से निकलने वाली हीट कम होने लगती है। इस कारण से अचानक से ठंड महसूस होती है। सुबह उठते ही अगर आपको अचानक से ठंड लगती है तो ये हाइपोथॉयराडिज्म से जुड़ा हो सकता है। थायराइड पेशेंट कोल्ड सेंसिटिव होते हैं। 

3.वजन का बढ़ना

जिन लोगों को हाइपोथॉयराडिज्म की समस्या होती है उनका मेटाबॉलिज्म प्रोसेस प्रभावित होता है। कैलोरी सही से इस्तेमाल न होने के कारण वजन बढ़ने लगता है।  हाइपोथॉयराडिज्म डायग्नोसिस के एक साल बाद तक 7 से 14 किलो वजन बढ़ जाता है। 

4. बालों का झड़ना शुरू हो जाना

हर महिला में रोजाना 50 से 100 बाल गिरना सामान्य माना जाता है। लेकिन हाइपोथॉयराडिज्म की समस्या होने पर तेजी से बालों का झड़ना शुरू हो जाता है। थायराइड हॉर्मोन हेयर फॉलिकल रेगुलेट करता है। हॉर्मोन का लो लेवल के कारण फॉलिकल में बाल मजबूती से टिके नहीं रह पाते हैं। 

साथ ही सुबह उठते ही लो फील करना या डिप्रेशन भी  हाइपोथॉयराडिज्म की समस्या से जुड़ा हो सकता है। उपरोक्त लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जांच कराना चाहिए और ट्रीटमेंट लेना चाहिए। 

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