पूर्णिया। हममें से कई लोग अपने करियर को लेकर असंतुष्ट रहते हैं, खासकर जब पढ़ाई-लिखाई के बावजूद मनमाफिक नौकरी न मिले। लेकिन कुछ लोग हार मानने के बजाय अपनी किस्मत खुद लिखने का फैसला करते हैं। पूर्णिया के माधोपड़ा के रहने वाले मोहम्मद मंजर राशिद ने ऐसी ही एक मिसाल कायम की है। नौकरी की तलाश और पैसों की कमी से जूझते हुए उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू किया। आज उनका सालाना टर्नओवर 60 लाख रुपए से भी ज्यादा है। आइए जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी।

सरकारी नौकरी के सपने से बिजनेस तक की जर्नी

मंजर राशिद ने बीएससी आईटी (BSc IT) की पढ़ाई की थी। पढ़ाई के बाद उन्होंने सरकारी नौकरी के लिए काफी मेहनत की, लेकिन सफलता नहीं मिली। प्राइवेट नौकरियों में भी उन्हें वह सैलरी नहीं मिल पा रही थी, जिससे वह अपनी जरूरतें पूरी कर सकें। उनका सपना नौकरी करने के बजाय खुद का मालिक बनने का था। इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने युवा उद्यमी योजना के तहत 10 लाख रुपए का लोन लिया। उस पैसे का यूज कर उन्होंने सरसों तेल के बिजनेस की शुरुआत की।

क्वालिटी ऐसी कि कस्टमर खुद तेल खरीदने पहुंचते हैं फैक्ट्री

मंजर राशिद ने अपने घर पर ही सरसों तेल का प्लांट लगाया। उनका प्लांट डेली 500 किलो से अधिक शुद्ध सरसों तेल तैयार करता है। उनके मुताबिक, स्थानीय किसानों से सरसों खरीदी जाती है और उन्हें अच्छी तरह साफ करके मशीनों में डाला जाता है। तेल को प्योरिटी और क्वालिटी के साथ ब्रांडिंग और पैकेजिंग कर मार्केट में बेचा जाता है। उनके "लोटस कच्ची घानी" ब्रांड का तेल अब अपनी क्वालिटी के लिए पॉपुलर हो गया है। यहां तक कि कस्टमर्स खुद तेल खरीदने उनकी फैक्ट्री तक पहुंचते हैं।

पूर्णिया और कोसी के बाजारों में होती है तेल की सप्लाई

देसी बिजनेस कर मंजर राशिद ने सिर्फ अपनी स्थिति ही नहीं सुधारी है, ​बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। मौजूदा समय में उनके प्लांट में 4 लोग काम कर रहे हैं। भविष्य में उनकी फैक्ट्री में कर्मचारियों की संख्या और बढ़ने की संभावना है। हालां​कि शुरूआती दिनों में उनका बिजनेस धीमा शुरू हुआ था, लेकिन अब उनके प्लांट से पूर्णिया और कोसी सीमांचल के बाजारों में हर दिन 500 किलो से अधिक तेल की सप्लाई होती है। यह तेल 180 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है। आज मंजर राशिद का सरसों तेल का व्यापार सालाना 60 से 70 लाख रुपए का टर्नओवर करता है। उनकी मेहनत और बिजनेस प्लानिंग ने उन्हें इतनी बड़ी सफलता दिलाई है।

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