श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में पांच दिनों तक जबरदस्त कड़ाई के बाद शुक्रवार को प्रशासन के रुख में थोड़ी नरमी दिखाई दी है। राज्य में शुक्रवार को होने वाली नमाज को देखते हुए कर्फ्यू में थोड़ी ढील दी गई है। फोन और इंटरनेट सेवा पर भी पाबंदी थोड़ी कम की गई है। 

हालांकि श्रीनगर की मुख्य जामा मस्जिद का मेन गेट अभी भी बंद है। लेकिन शहर की छोटी मस्जिदों में नमाज अदा करने की मंजूरी दे दी गई है। कानून और व्यवस्था पर निगरानी रखने और किसी तरह के हंगामे से निपटने के लिए सुरक्षा बल के जवान पूरी तरह मुस्तैद हैं। 

पूरे कश्मीर में किसी तरह के हंगामे से निपटने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि वह शुक्रवार की नमाज के दौरान कश्मीरी लोगों के रुख पर नजर बनाकर रखेंगे। अगर नमाज के बाद किसी तरह का हंगामा नहीं होता है तो कर्फ्यू, फोन, इंटरनेट पर लगी पाबंदियों को और कम किया जा सकता है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला सहित 400 राजनेताओं और राजनीतिक कार्यकर्ता अभी भी हिरात में हैं। जिससे कि वह नमाज के दौरान लोगों को भड़का नहीं सकें। 

 राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गुरुवार को स्थिति का जायजा लेने के बाद भरोसा दिलाया था कि जुमे की नमाज और अगले सप्ताह ईद के लिए पाबंदियों में ढील दी जाएगी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वास्त किया था कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि उन्हें 12 अगस्त को ईद मनाने में किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना न करना पड़े। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मैं जम्मू-कश्मीर के दोस्तों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो जाएगी और उनकी कठिनाइयां कम हो जाएंगी। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों को ईद मनाने में किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े।'