-आधार कानून में संशोधन को मंजूरी

अगर आप बैंक में नया खाता खुलवाने जा रहे हैं या फिर नया सिम ले रहे हैं तो, बैंक या मोबाइल कंपनी आपको आधार नंबर देने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है। हालांकि ये आपके ऊपर निर्भर करेगा कि आप अपने आधार को बैंक और सिम से लिंक करें। केन्द्र सरकार अपने नए फैसले के तहत ये सुविधाएं दी है।

असल में सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में ही सिम कार्ड और बैंक अकाउंट के लिए आधार नंबर के इस्तेमाल पर लगाई रोक लगाई थी और केन्द्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सिम लेने या फिर बैंक खाता खोलने के लिए आधार को लिंक कराना जरूरी था। यही नहीं आपके पुराने खाते और मोबाइल नंबर के लिए भी सरकार ने आधार को जरूरी कर दिया था। इसके साथ ही आपके निवेश में भी आधार नंबर को लिंक करना अनिवार्य कर दिया था। हालांकि इसके बाद कुछ संगठनों ने केन्द्र सरकार के इस फैसले को चुनौती दी। इसके बाद कोर्ट ने इस पर सरकार से अपना रूख स्पष्ट करने को कहा था। संसद में विरोधी दलों ने भी आधार को लेकर सरकार की आलोचना की थी। हालांकि सरकार का कहना था कि ये जनता के हित में लागू किया गया है।

इसके साथ ही पीएमएल में बदलाव के बाद केवाईसी के लिए अपने बैंक अकाउंट को आधार कार्ड से लिंक कराने का विकल्प उपलब्ध होगा। सुप्रीम कोर्ट कहा था कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की सब्सिडी के लिए के लिए इसे जरूरी बताया था। कोर्ट ने कहा था कि बैंक अकाउंट खोलने या मोबाइल फोन कनेक्शन लेने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता। बहरहाल केंद्रीय कैबिनेट ने मौजूदा कानूनों में संशोधनों के विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी।