नई दिल्ली: कालाधन रखने वालों को टैक्स नेट में लाने के लिए सरकार एक बार फिर से उन्हें मौका देने की तैयारी कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए इनकम डिक्लेरेशन स्कीम 2016 को दोबारा खोले जाने का प्रस्ताव दिया है। 

लेकिन यह स्कीम सिर्फ उन लोगों के लिए खोली जाएगी, जिन्होंने इस स्कीम के तहत अपनी बेहिसाब संपति का खुलासा तो किया था, लेकिन तय तारीख तक टैक्स, सरचार्ज और पेनाल्टी का भुगतान नहीं किया। 

इससे पहले इनकम डेक्लेरेशन स्कीम, 2016 काला धन रखने वाले लोगों के लिए 1 जून 2016 को खुली थी।  इसमें लोगों को तय फॉर्म भरकर 30 सितंबर, 2016 की आधी रात तक बेहिसाब संपत्ति का खुलासा करने को कहा गया था।  तब 64275 लोगों ने इस स्कीम का फायदा उठाया था। जिसके तहत 65,250 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की गई थी। यह रकम यह कैश, गोल्ड, फॉरेन करेंसी जैसे कई रुपों में थी। 

यह घोषणा करने वालों को इस संपत्ति पर 30 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना था। जिस पर 25 फीसदी का सरचार्ज भी देना था। इसके अलावा टैक्स का 25 फीसदी पेनाल्टी के रूप में चुकाना था। यानी लगभग 70-75 फीसदी चुकाने के बाद बची हुई रकम कालाधन नहीं मानी जाती और इसे टैक्स नेट में शामिल हुआ मान लिया जाता। 

इस बार के बजट में दिए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि ब्लैकमनी रखने वालों को हर महीने 1 फीसदी ब्याज के साथ बकाया रकम चुकाने की इजाजत दी जाएगी।  इसके लिए समय की अधिसूचना सरकार जारी करेगी।  इसका मतलब है कि इनकम डिक्लेरेशन स्कीम 2016 में कालेधन का खुलासा करने वालों को एक और मौका मिलने की उम्मीद है। 

ब्लैकमनी पर मोदी सरकार का ऐलान-बजट में ऐसे लोगों द्वारा चुकाई जाने वाली ज्यादा रकम के रिफंड की इजाजत का भी प्रस्ताव है। इस विषय से संबंधित 1 जून, 2016 से लागू माने जाएंगे। 

लेकिन अब यह सरकार के हाथ में है कि वह इस योजना के संशोधित प्रावधान का लाभ उठाने की इजाजत किन लोगों को देती है।