बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बहुत अहम बयान दिया है, उन्होंने कहा कि दुनिया का सर्वाधिक लोकप्रिय नेतृत्व हमारे पास है। जीत के हमारे संकल्प को कोई हरा नहीं कर सकता और 2019 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलेगा। 

दिल्ली में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है। इससे ठीक पहले पार्टी पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए अमित शाह ने यह बयान दिया। इस बैठक में सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश प्रभारी, सह-प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्रियों की उपस्थिति रही। बीजेपी की परंपरा के मुताबिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले पार्टी पदाधिकारियों की बैठक होती है।

  

 

बीजेपी की यह राष्ट्रीय कार्यकारिणी दिल्ली के अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र में हो रही है। जिसका मकसद यह संदेश देना है, कि बीजेपी सामाजिक समरसता का विशेष ध्यान रखती है। 

इस बार की कार्यकारिणी की मुख्य थीम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी रहेंगे। कार्यकारिणी सभागार का नाम भी अटल जी के नाम पर ही रखा गया है। 
बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी ऐसे वक्त पर हो रही है, जब डॉलर की तुलना में रुपए की गिरावट, डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दाम, नोटबंदी और राफेल मामले पर विपक्ष लगातार आलोचना कर रहा है। 

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब डालर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट, पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि को लेकर सरकार पर हमला हो रहा है। नोटबंदी और राफेल सौदे को लेकर भी विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है।

बीजेपी कार्यकारिणी में इन सभी मुद्दों पर चर्चा होगी। इन सभी बातों के अलावा नेशनल रजिस्टर और सिटीजन यानी एनआरसी को भी मुख्य चुनावी मुद्दा बनाने पर भी बात होगी। बीजेपी देशभर में एनआरसी लागू करके अवैध विदेशी घुसपैठियों को निकालने पर जोर दे सकती है। क्योंकि पार्टी को इसका चुनावी लाभ मिलने की उम्मीद है।  

साथ ही इसी साल होने वाले मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़,राजस्थान और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव का मुद्दा भी बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में छाया रहेगा। इन चुनावी राज्यों के साथ 2019 के आम चुनावों के लिए चुनावी मुद्दे तैयार करने भी चर्चा होगी। 

एससी-एसटी एक्ट पर चल रहे उबाल को देखते हुए, बीजेपी सवर्णों की नाराजगी दूर करने के लिए भी इस बैठक में रणनीति तैयार करेगी। 

बैठक में सरकार की कल्याण योजनाओं और उनपर क्रियान्वयन की समीक्षा हो सकती है। इसमें किसानों को फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, एनआरसी, अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों के अधिकारों की रक्षा के संदर्भ में उठाये गए कदम, ओबीसी राष्ट्रीय आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के कदम आदि के बारे में भी चर्चा हो सकती है।

बीजेपी कार्यकारिणी रविवार को समाप्त हो जाएगी। आखिरी भाषण खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रहेगा, जो कि सरकार की उपलब्धियों और आने वाले चुनाव की तैयारियों पर केन्द्रित होगा। अपने भाषण में प्रधानमंत्री पार्टी पदाधिकारियों को जीत का मंत्र भी दे सकते हैं।