गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक दिलचस्प मामला सामने  आया है। जहां थाने से ही शराब की 557 बोतले गायब हो गई हैं। ये शराब की बोतले शराब तस्करों से बरामद की गई थी और थाने में रखी गई थी। लेकिन पुलिस की मौजूदगी में ही ये शराब की बोतले गायब हो गई हैं। अब जिला प्रशासन के आदेश के बाद थाने में मौजूद थाना प्रभारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

गोरखपुर के सहजनवां थाने में पिछले दो साल के दौरान शराब की 557 बोतलें पकड़ी गई थी ये शराब की बोतले शराब तस्करों से बरामद की गई थी। पुलिस ने इन शराब को बोतलों को थाने के मालखाना में रख दिया था। लेकिन दिलचस्प ये है कि ये शराब की बोतले वहां से गायब हो गई। जब जिला प्रशासन और पुलिस के आला अफसरों को इसकी जानकारी मिली तो इसकी जांच जॉइंट मजिस्ट्रेट से कराई गई। मजिस्ट्रेट ने जांच में पाया गया कि 557 बोतल शराब गायब है। इसके बाद जिलाधिकारी को इसकी रिपोर्ट सौंप दी।

वहीं पुलिस प्रशासन को जब इसकी जानकारी हुई तो आला अफसरों के आदेश के बाद एसपी साउथ ने भी इसकी जांच की। लेकिन थाने के दीवान ने थाने के अफसरों को बचाने के लिए गायब बोतलों को थाने में दिखा दिया। दीवान के इसके लिए तर्क थे कि उसका मकान खाली था और थाने का गोदाम उसी को बनाया गया था और वहां पर ये बोतले मौजूद हैं। हालांकि दीवान का ये दावा था कि उसका मकान मालखाने के तौर पर इस्तेमाल हो रहा था लेकिन सरकारी रेकॉर्ड में इसका कोई जिक्र नहीं था।

इस मामले  में गोलमाल को देखते हुए जिलाधिकारी ने 2017 से 2019 के बीच तैनात थानेदारों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए। इस दौरान यहां पर 7 थानेदार तैनात रहे थे। हालांकि पुलिस ने डीएम के आदेश पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए। पुलिस का कहना था कि जब बोतलें बरामद हो गईं हैं तो फिर केस क्यों किया जा रहा है। लेकिन अब दबाव में इन सात थानेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इन थानेदारों पर अमानत में खयानत (दफा 409) का केस दर्ज किया गया।