असल में सरकार ने कोरोना संकट के कारण घाटे में चल रही है देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान से उबारने के लिए महज 15 दिन के भीतर तीन बड़ी घोषणाएं कीं हैं। ताकि कर्मचारियों को राहत दी जा सके। केन्द्र सरकार ने सरकारी और नीजि क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ये ऐलान किए हैं।
नई दिल्ली। फिलहाल देश की अर्थव्यवस्था के संकट से उबरने के संकेतों के बीच केन्द्र सरकार ने सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को बढ़ी राहत दी है। ताकि वह त्योहारों में धन को खर्च कर सके और इसके जरिए बाजार में मांग को बढ़ाया जा सके। केन्द्र सरकार ने पिछले दो सप्ताह में तीन ऐसी बड़ी घोषणाएं की है। जिसके जरिए लोगों के हाथ में सीधे पैसा पहुंचेगा और त्योहारी सीजन में वह अपनी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। हालांकि सरकार ने माना है कि उसके फैसले से इससे सरकार पर कई हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। लेकिन अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए इस तरह के फैसले जरूरी हैं।
असल में सरकार ने कोरोना संकट के कारण घाटे में चल रही है देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान से उबारने के लिए महज 15 दिन के भीतर तीन बड़ी घोषणाएं कीं हैं। ताकि कर्मचारियों को राहत दी जा सके। केन्द्र सरकार ने सरकारी और नीजि क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ये ऐलान किए हैं। वहीं बुधवार को केन्द्र सरकार ने 30 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए बोनस का ऐलान किया गया। जबकि इससे पहले कर्मचारियों को राहत देते हुए एलटीसी कैश वाउचर स्कीम का फायदा दिया है। ये लाभ सरकारी के साथ निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी मिलेगा।
वहीं सरकारी की मंशा बाजार में मांग बढ़ाने की है। जिसके जरिए बाजार में मांग बढ़ने के साथ ही उद्योग जगत को फायदा होगा। इन ऐलानों के कारण केंद्र सरकार पर 15,312 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। वहीं केन्द्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए दीपावली बोनस देने का ऐलान किया है। ये बोनस डीबीटी के जरिए सीधे कर्मचारियों के बैंक खातों में जाएगा। केन्द्र सरकार के इस फैसले से सरकार के 30 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। वहीं सरकार को इसके लिए 3737 करोड़ रुपये का भुगतान तुरंत करना होगा।
हालांकि पिछले हफ्ते ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पेशल एलटीए कैश वाउचर स्कीम का ऐलान किया था। केन्द्र सरकार की इस स्कीम में एलटीए के बदले कर्मचारियों को कैश वाउचर मिलेगा। केन्द्र सरकार की इस स्कीम के तहत राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को इसके तहत लाभ मिलेगा। वहीं एलटीसी टिकटों पर टैक्स छूट का लाभ दिया जाएगा। वहीं अगर राज्य सरकारें भी ये स्कीम अपनाती हैं तो कुल 8,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
Last Updated Oct 22, 2020, 7:38 AM IST