नई दिल्ली। कोरोना के कहर के बीच केन्द्र सरकार ने भी विभिन्न मंत्रालय के सालाना बजट पर लगाम लगा दी है। केन्द्र सरकार ने फैसला किया है कि मंत्रालय वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में महज 20 फीसदी धन का खर्च कर सकेंगे। केन्द्र सरकार पहले ही मंत्रियों और सासंदों के वेतन में कटौती कर चुकी है वहीं सरकार अब सरकारी खर्च को कम करने पर भी काम कर रही है।

केन्द्र सरकार ने देश में कोरोना के बढ़ते कहर के मद्देनजर सरकारी खर्च पर लगाम लगाने का फैसला लिया गया है। केन्द्र सरकार ने फैसला किया है कि मंत्रालयों के लिए आवंटित बजट को कम खर्च किया जाए।  लिहाजा सरकार ने फर्टिलाइजर, सड़क-परिवहन, पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय से पहली तिमाही में अपने सालाला बजट का बीस फीसदी ही धन खर्च करने का आदेश दिया है। केन्द्र सरकार ने अगले तीन महीने तक सरकारी खर्च पर लगाम के लिए खर्चों को सीमित कर दिया है।

लिहाजा सरकार ने फैसला किया है कि मंत्रालय अपने आवंटित बजट में से महज बीस फीसदी की खर्च कर सकेंगे। हालांकि जरूरत पड़ने पर केन्द्र सरकार से अतिरिक्त धन की मांग कर सकेंगे। केन्द्र सरकार के अधीन रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, राजस्व विभाग समेत 27 विभाग  20% से ज्यादा धन कर नहीं कर सकेंगे। 

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने सभी मंत्रियों, सांसदों और राज्यपालों के साथ ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के वेतन में कटौती की है। इसके तहत अब इन लोगों को अगले एक साल तक 30 फीसदी कम वेतन मिलेगा। वहीं केन्द्र सरकार ने सांसदों को मिलने वाले एमपीलैंड फंड को भी अगले दो साल के निलंबित कर दिया है। वही केन्द्र सरकार की तर्ज पर कई राज्यों ने भी मंत्रियों और विधायकों के वेतन में कटौती की है।

52 सौ पार पहुंची मरीजों की संख्या

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 5,095 है जबकि 472 लोग ठीक हो चुके हैं या छुट्टी दे चुके हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में 669, तेलंगाना में 427, राजस्थान 381, उत्तर प्रदेश में 361,आंध्र प्रदेश में 348 और केरल में 345 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 229, कर्नाटक में 181 और गुजरात में 179 मामले दर्ज किए गए है।