पत्रकारों को सुरक्षा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही एक नया आयोग बनाएगी। जो पत्रकारों की सुरक्षा देने की सिफारिश करेगी और फिर राज्य सरकार नियम बनाएगी। राज्य की नई नवनियुक्त कांग्रेस सरकार ने इस आयोग के गठन का फैसला किया है और आयोग सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक अध्यक्षता करेंगे।

हाल में राज्य की सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक आयोग का गठन करने जा रही है। ताकि गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किए जाने वाले पत्रकारों और उनके अधिकारों के हनन पर रोक लग सके। आयोग का गठन होने के बाद आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा और उसके बाद सरकार उनके लिए कानून बनाएगी। ताकि पत्रकारों को कवरेज या फिर विषम परिस्थितियों में सुरक्षा मिल सके।

सरकार ने इस आयोग अध्यक्ष के पद पर सुप्रीम कोर्ट के एक जज एके पटनायक को नियुक्त किया है। ये आयोग न केवल पत्रकारों के सुरक्षा के लिए कार्य करेगा बल्कि नक्सलियों से लड़ाई के नाम पर गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिए गए आदिवासियों पर लगे आरोपों की जांच करेगा। इस आयोग के तहत ही पत्रकारों के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।

ऐसा कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज पटनायक ने आयोग के अध्यक्ष के पद के लिए सैद्धांतिक रूप से अपनी स्वीकृति दे दी है। जानकारी के मुताबिक आयोग में स्थानीय पत्रकार, वकील, पुलिस और समाज सेवियों को भी शामिल जाएगा। आयोग नक्सल हिंसा के नाम पर गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किए गए पत्रकार और आदिवासियों की रिहाई की दिशा में भी काम करेगा।

पत्रकारों के लिए बनाई जाने वाली समिति का अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य रिटायर्ड जज जस्टिस आफताब आलम को नियुक्त किया जा रहा है। जस्टिस पटनायक हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत पूर्व निदेशक, सीबीआई, आलोक वर्मा के खिलाफ विवादास्पद सीवीसी जांच की देखरेख कर रहे थे। वह छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं।