कर्नाटक में चल रहे सियासी संकट के बीच आज से मानसून सत्र शुरू हो रहा है। जबकि राज्य मे राजनीतिक अस्थिरता बरकरार है। कांग्रेस और जेडीएस ने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया है। ताकि वह सत्र में मौजूद रहे। हालांकि इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह अपने आधार पर विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करेंगे। फिलहाल कांग्रेस और जेडीएस ने विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया है।

राज्य में कुमारस्वामी सरकार पर छाए राजनीतिक अस्थिरता के बादल को आज सातवां दिन होने जा रहा है। न विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों के इस्तीफो को मंजूर किया है और न ही कांग्रेस और जेडीएस ने इन विधायकों को पार्टी से निकाला है।

गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को आदेश दिया था कि वह विधायकों के इस्तीफों को लें और उन्हें मंजूर करें। हालांकि शाम को विधायकों ने उनसे मुलाकात की और जिस फार्मेट में वह इस्तीफा चाह रहे थे, उसके आधार पर इस्तीफा सौंपा।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद विधानसभा अध्यक्ष कोर्ट पहुंचे र उन्होंने कहा कि विधायकों के इस्तीफों के लिए कोई तय सीमा नहीं है और उनकी बात सुनी जाए। हालांकि कोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं दी। फिर भी इस मामले में आ फिर से कोर्ट में सुनवाई होगी।

उधर आज से राज्य में शुरू हो रहे मानसून सत्र के लिए कांग्रेस और जेडीएस ने सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहने का आदेश दिया है। फिलहाल बागी विधायक ने कल विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं। हालांकि अभी तक 16 विधायकों ने इस्तीफा देकर राज्य की कुमारस्वामी सरकार को अल्पमत में ला दिया है।

राज्य में कांग्रेस के 13 और जेडीए  के 3 विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं। जिसके कारण सरकार अल्पमत में आ गयी है। इसी बीच जेडीएस ने विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क कर अपने तीन बागी विधायकों को अयोग्य करार करने का अनुरोध किया है।